श्रीनगर गढ़वाल। नेशनल टेस्टिंग ऐजंसी (एनटीए) के माध्यम से हुई सीयूईटी प्रवेश परीक्षा में उत्तराखंड के छात्रों को हो रही पेशानियों को लेकर आर्यन छात्र संगठन ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। इस दौरान छात्र नेताओं ने कहा कि विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए अब सीयूईटी प्रवेश परीक्षा आयोजित की जा रही है। जिससे छात्रों को प्रवेश नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से गढ़वाल विवि में उत्तराखंड के छात्रों को प्रवेश में 50 प्रतिशत आरक्षण दिलाए जाने की पैरवी करने की मांग की। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री के माध्यम से केंद्रीय शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भी भेजा।
गढवाल विवि के पूर्व महासचिव देवकांत देवराड़ी और प्रदीप सिंह रावत ने कहा कि पहाड़ की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए उत्तराखंड में 1973 में गढ़वाल विवि की स्थापना हुई थी। वर्ष 2009 में गढ़वाल विवि को केंद्रीय विवि का दर्जा मिला था। जिसकी मूल भावना पहाड़ के छात्र-छात्राओं को कम खर्च और केंद्रीय विवि जैसी सुविधाएं प्रदान करना था। लेकिन वर्तमान में सीयूईटी प्रवेश परीक्षा होने से छात्रों को यहां प्रवेश नहीं मिल पा रहा है। साथ ही सीयूईटी प्रवेश परीक्षा कम्प्यूटर आधारित प्रवेश परीक्षा होने के चलते पहाड़ के छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। परीक्षा केंद्र मीलों दूर होने से भी पहाड़ के छात्र-छात्राओं को काफी दिक्कतें हो रही हैं।
एचएनबी स्टूडेंट्स वॉइस ने कुलाधिपति को भेजा ज्ञापन
श्रीनगर गढ़वाल। गढ़वाल विवि में छात्रहितों से जुड़ी मांगों को लेकर एचएनबी स्टूडेंटस वॉइस ने उत्तराखंड के छात्र-छात्राओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की मांग को लेकर विवि के कुलाधिपति को ज्ञापन प्रेषित किया। गढ़वाल विवि के कुलाधिपति डा. योगेंद्र नारायण को ऑनलाइन माध्यम भेजे ज्ञापन में स्टूडेंट वॉइस के अध्यक्ष सौरभ चंद्र सानू ने कहा है कि गढ़वाल विवि में एनटीए के माध्यम से होने वाली सीयूईटी परीक्षा केंद्र दूर होने के चलते कई छात्र परीक्षा देने से वंचित रह गये। कहा कि यदि सीयूईटी की व्यवस्था खत्म नहीं होती है तो उत्तराखंड के छात्रों को प्रवेश मिलना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने उत्तराखंड के छात्रों को 50 प्रतिशत का आरक्षण दिए जाने, पीजी कोर्स में 5 प्रतिशत का कैंपस वेटेज देने की मांग की गई।