देहरादून। सरकारी टेंडर दिलाने के नाम पर ठगी के मामले में एक और मुकदमा दर्ज हुआ है। इसमें मुख्यमंत्री के पूर्व पीएस समेत पांच लोगों को नामजद किया गया है। इन पर सोलर गीजर, इलेक्ट्रिकल लैब उपकरण, उच्च शिक्षा प्रोजेक्ट के टेंडर दिलाने के नाम पर पंजाब के कारोबारी से 1.02 करोड़ लेने का आरोप है। डीजीपी कार्यालय में की गई शिकायत के आधार पर शहर कोतवाली पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज किया है। 10 अगस्त को भी इस गैंग के खिलाफ पटियाला के भाजपा नेता ने सरकारी टेंडर दिलाने के नाम पर 3.42 करोड़ रुपये हड़पने का मुकदमा दर्ज कराया था।
शहर कोतवाल राकेश गुसाईं ने बताया कि इस बार रजत परासर निवासी गुरुनानक नगर पटियाला ने तहरीर दी है। इसमें मुख्यमंत्री के पूर्व पीएस प्रकाश चंद्र उपाध्याय निवासी कलिंगा विहार माजरी माफी, सौरव शर्मा उर्फ सौरभ वत्स, उसकी पत्नी नंदिनी वत्स निवासी जौलीग्रांट एयरपोर्ट रोड, शहरूख खान और करनवीर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। आरोप है कि इन्होंने उत्तराखंड में अलग-अलग सरकारी विभागों में टेंडर दिलाने का झांसा दिया और इस एवज में 1.02 करोड़ रुपये हड़प लिए और उन्हें टेंडर नहीं मिले। आरोप है कि रकम वापस मांगने पर धमकियां दी जा रही हैं। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पंजाब के भाजपा नेता ने करवाया था संपर्क: मुकदमा दर्ज कराने वाले रजत परासर ने बताया कि पीसी उपाध्याय से उनकी मुलाकात पटियाला जिले के भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष संजीव कुमार के माध्यम से मुलाकात हुई थी। 10 अगस्त को संजीव कुमार देव ने भी सरकारी टेंडर दिलाने के नाम पर रकम हड़पने का मुकदमा इस गैंग पर कराया था।
प्रोजेक्ट पाने के लिए की मेहमानबाजी: आरोप है कि मुख्यमंत्री का पीएस होने के नाते पीसी उपाध्याय ने भरोसा दिया कि वह उन्हें काम दिलवा देंगे। पीड़ित को एक जून 2022 को सचिवालय का पास बनाकर चतुर्थ तल स्थित सीएम कार्यालय बिल्डिंग में ले जाया गया। इसके बाद सामान के निरीक्षण के लिए सौरव, पत्नी व दो बच्चों संग चंडीगढ़ गया। उसे वहां लग्जरी होटल में ठहराया गया। उपाध्याय ने झांसा दिया कि उनके रिटायर होने के बाद सीएम कार्यालय में सौरव वत्स उनकी जिम्मेदारी संभालेगा। प्रोजेक्ट पाने के झांसे में पीड़ित पक्ष ने पिछले साल रकम चुका दी। रकम लेने में केस में नामजद अन्य लोग भी शामिल रहे।