देहरादून। राज्य सरकार ने सभी जेलों में बेकरी यूनिट खोलने और बंदियों की न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने का निर्णय लिया है। सचिवालय में मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की अध्यक्षता में हुई जेल विकास बोर्ड की बैठक हुई, जिसमें वर्षों पूर्व बंदियों के लिए निर्धारित न्यूनतम मजदूरी में संशोधन पर विचार-विमर्श हुआ।
सीएम धामी ने गृह विभाग के अफसरों को बंदियों का दैनिक पारिश्रमिक बढ़ाने के निर्देश दिए। अब कुशल बंदी को 67 रुपये के बजाय 85 रुपये,अर्द्धकुशल को 65 रुपये और अकुशल को 55 रुपये प्रतिदिन पारिश्रमिक के रूप में मिलेंगे। सभी जेलों में कुटीर उद्योग के रूप में बेकरी यूनिट खोलने की हरी झंडी भी दी गई, ताकि सभी बंदियों को काम मिल सके। दून में यह यूनिट इसी साल दो फरवरी से संचालित हो रही है। इसके अच्छे परिणाम आने के बाद अन्य जेलों में भी ये यूनिट खोलने का फैसला लिया गया। बैठक में संर्णानन्द शिविर (खुली जेल) सितारगंज में अच्छी नस्ल की 10 गाय क्रय करने पर सहमति बनी। इसके साथ ही खुली जेल में शिविर की पांच बीघा भूमि पर विभिन्न प्रजाति के फलदार तथा औषधीय पौधों की पौधशाला की स्थापना की जाएगी। इसके लिए प्रशिक्षण, देखरेख एवं खरीद की सभी व्यवस्था उद्यान विभाग करेगा। इस पौधशाला केंद्र से 50 से 60 बंदियों को श्रम मिलेगा।
मुख्यमंत्री धामी ने बंदियों के कौशल विकास के लिए कौशल विकास विभाग से ट्रेनिंग दिलाने के निर्देश दिए। बंदियों की रूचि एवं योग्यता के अनुसार विद्युतकार, वेल्डर, कारपेंटर, सिलाई, बढ़ई जैसे व्यवसायों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। पहले चरण में 500 बंदियों ट्रेनिंग दी जाएगी। बंदियों के कपड़ों की धुलाई के लिए देहरादून और हरिद्वार कारागारों में लॉड्री मशीन की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही हरिद्वार जेल में पावरलूम उद्योग का आधुनिकीकरण किया जाएगा। कारागारों में निर्मित उत्पादों की बिक्री के लिए यदि विभागों को उत्पाद की गुणवत्ता और कीमत सही लगती है, तो क्रय करने की अनुमति दी जाएगी। फर्नीचर उद्योग के लिए इमारती लकड़ी की खरीद के लिए वन निगम से वार्ता करने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एसस संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द बर्द्धन, सचिव विजय कुमार यादव, आईजी जेल बिमला गुंज्याल, एआईजी यशवंत सिंह, अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर, अतर सिंह आदि मौजूद रहे।