रुद्रप्रयाग। नगर क्षेत्र में महंत स्वामी अमृतानंद महाराज ने महर्षि अगस्तय योगा केंद्र का विधिवत शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि महामुनि अगस्त्य की इस तपस्थली में योग और आध्यात्म क्रियाओं को सीखने के लिए योगा केंद्र का संचालन सराहनीय पहल है। कहा कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का वास होता है। हमारे ऋषि-मुनियों ने वर्षों की तपस्या के बाद योग व साधना की खोज की है। आज, देश-दुनिया में चिकित्सा विज्ञान ने भी स्वस्थ शरीर के लिए योग के प्रभाव पर अपनी मुहर लगा दी है। यही कारण है कि पूरा विश्व योग की ओर आकर्षित हो रहा है। विशिष्ट अतिथि प्रधानाचार्य हरेंद्र बिष्ट ने कहा योग भारत की पुरातन पहचान है, जिससे मानसिक और शारीरिक लाभ मिलते है। जगदंबा सकलानी ने कहा कि योग ऐसा माध्यम है, जिससे मन, बुद्धि और शरीर को संतुलित किया जा सकता है। समाजसेवी चंद्र सिंह नेगी ने योगा संचालकों के प्रयास की प्रशंसा की। इस योगा केंद्र की स्थापना में योग प्रशिक्षक देवकीनंदन बमोला और आशीष बर्त्वाल ने अहम भूमिका निभाई है।
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