राष्ट्रीय रोजगार नीति आधारित कानून बनवाकर संसद से पास कराने के लिए बेरोजगार युवा पहुंचे जंतर मंतर

दिल्ली। देश में बेरोजगारी के खिलाफ संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति के आवाहन पर राष्ट्रीय रोजगार नीति आधारित कानून बनवाकर संसद से पास कराने के लिए देश भर के सभी राज्यों से हजारों से ज्यादा बेरोजगार युवा अपनी मांगों को लेकर आज सुबह 11रू00 बजे जंतर मंतर पहुंचे, जहां पर दिल्ली पुलिस द्वारा परमिशन का हवाला देते हुए अनशनकारियों को प्दकमपिदपजम भ्नदहमत ैजतपाम की अनुमति न देते हुए सभी अनशनकारियों को तत्काल हिरासत में लेकर बसों में डिटेन कर लिया।

पुलिस की इस दमनपूर्ण कार्यवाही के विरोध में संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति के कोर्डिनेशन सदस्य कृष्णा यादव ने कहा यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज सरकार देश के 60 करोड़ से ज्यादा युवा बेरोजगारों की आवाज को सुनने के लिए तैयार नहीं है। आज देश का युवा बेरोजगारी के कारण असहाय है, मानसिक पीड़ा से गुजर रहा है, आत्महत्या करने को मजबूर हो रहा है, लेकिन सरकार उनकी आवाज को सुनने के विरोध में उन्हें डिटेल कर रही है मुकदमा पंजीकृत कर रही है। कृष्ण यादव ने कहा की जंतर मंतर पर आज चाहे जम्मू कश्मीर ही या केरल,  गुजरात हो या असम देश के कोने-कोने से हजारों की संख्या में अनशनकारी  जंतर मंतर पहुंचे और जिस प्रकार से उन्हें पहुंचते ही पुलिस द्वारा बसों में भर गया उन्हें मीडिया में अपनी बात रखने से रोकना बहुत ही निराशाजनक है।

पंजाब से आये अनशनकारी गुरजिंदर ने कहा कि पिछले दिनों पूरे देश ने देखा कि  युवाओं के द्वारा उत्तर प्रदेश , दिल्ली , महाराष्ट्र , बिहार, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में रेलवे, सेंट्रल पुलिस फोर्स, अग्निपथ योजना एवं राज्यों की विभिन्न भर्तियों को लेकर आंदोलन हुए किन्तु  युवा विरोधी तनाशाह  सरकार द्वारा बातचीत करने के बजाय युवाओं के साथ बर्बरतापूर्ण  व्यवहार किया। ऐसी स्थिति में राष्ट्र के बेरोजगार युवाओं को राष्ट्र निर्माण में भागीदारी से जोड़ने के लिए, राष्ट्र को मजबूत बनाने के लिए एक राष्ट्रीय रोजगार नीति अहम कारगर हो सकती है और इस बात को सरकार सुनने के लिए कतई तैयार नहीं है।

असम से अनशन करने जन्तर मंतर पहुची बीना ने कहा पिछले दो वर्षों से प्रधानमंत्री को देशभर के सभी जिलों से राष्ट्रीय रोजगार नीति लागू करने के लिए प्रार्थना पत्र दिए जा रहे हैं लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि प्रधानमंत्री उन प्रार्थना पत्रों पर कोई विचार नहीं कर रहे हैं, अगर देश के प्रधानमंत्री ही राष्ट्रीय रोजगार नीति को लागू करने में तत्परता नहीं दिखाएंगे तो फिर तो देश के 60 करोड़ से ज्यादा युवक किससे उम्मीद करें। आज जिस तरह महिलाओं पर दमन पूर्वक कार्रवाई दिल्ली पुलिस के द्वारा की गई इससे पता चलता है कि प्रधानमंत्री बेरोजगारी के खिलाफ हैं। महाराष्ट्र से आये अनशनकारी प्रशांत मोरे ने कहा बेरोजगार युवाओं पर सरकार का तानाशाही पूर्ण रवैया दिन पर दिन और दमन पूर्ण होता जा रहा है। देशभर से बेरोजगार महिलाओं को आज पुलिस ने जिस तरह से पकड़ पकड़ कर बसों में डिटेन किया, उनको अनशन करने से रोका यह असहनीय है और सबसे दुखद है कि आज देश के 60 करोड़ से ज्यादा एवं बेरोजगार युवाओं की पीड़ा को सुनने को कोई तैयार नहीं है।

संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति के कोर्डिनेशन सदस्य कृष्णा यादव ने कहा की सरकार कितना भी दमन कर ले ल, देश भर के सैकड़ो से ज्यादा छात्र संगठन, युवा संगठन, किसान संगठन, मजदूर संगठन , आदिवासी संगठन के कार्यकर्ता और पदाधिकारी किसी भी कीमत पर राष्ट्रीय रोजगार नीति की को लागू करने की मांग से पीछे नहीं हटेंगे। सरकार कितना भी हम देश के बेरोजगारों का दमन कर ले लेकिन बेरोजगारी की समस्या के समाधान के लिए राष्ट्रीय रोजगार नीति की मांग के लिए आंदोलन जारी रहेगा और कल देश भर से आए सभी अनशनकारी महात्मा गांधी की समाधि स्थल राजघाट पर एकत्रित होकर प्रार्थना करेंगे।

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