नैनीताल। ग्रामवासी इन दिनों नरभक्षी बाघ के आतंक से परेशान है। इस बीच भीमताल के नरभक्षी प्रभावित क्षेत्र दुधली में देर रात एक गुलदार पिंजरे में कैद हो गया है। इस मामले में डी.एफ.ओ.चंद्रशेखर जोशी का कहना है कि दुधली में पकड़े गए गुलदार के सैम्पल लेकर जांच की जाएगी, कि क्या यह वही हमलावर नरभक्षी हैं।
नैनीताल जिले में भीमताल का एक बड़ा क्षेत्र इन दिनों तीन महिलाओं को हिंसक वन्यजीव द्वारा शिकार बनाए जाने को लेकर चर्चाओं में है। शासन ने पूर्व समय में गुलदार को नरभक्षी घोषित करते हुए मारने के आदेश दिए थे, जिसके बाद उच्च न्यायालय ने स्वतः मामला संज्ञान लेकर उसे सीधे मारने से मना कर दिया गया था। साथ ही वन विभाग द्वारा नरभक्षी को गुलदार या बाघ चिन्हित कर पाने में असफल होने पर न्यायालय ने पहले उसे चिन्हित कर कब्जे में लेने को कहा था। जिसके बाद वन विभाग ने हिंसक वन्यजीव को पकड़ने के लिए 14 पिंजरे और 36 कैमरा ट्रैप लगाए। इसके अलावा कई गश्ती दल और ड्रोन कैमरे से हिंसक वन्यजीव की लोकेशन को तलाशा गया।
बताया जा रहा है कि शुक्रवार शाम तक तमाम कोशिशों के बावजूद विभाग को हिंसक वन्यजीव के पंजे, मल मूत्र, कोई फोटो या अन्य ठोस जानकारी नहीं मिल सकी थी। शनिवार सवेरे बाघ और गुलदार के असमंजस के बीच बड़ोंन रेंज के दुधली गांव में एक गुलदार पिंजरे में कैद हो गया। पकड़े गए तंदुरुस्त गुलदार के सैम्पल लेकर इस बात की टेस्टिंग कराई जाएगी कि क्या ये वही हिंसक वन्यजीव है, जिसकी विभाग को तलाश है।