देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने सोमवार को हिम ज्योति स्कूल के मध्य विंग का उद्घाटन किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि हिम ज्योति स्कूल समाज के भावी पीढ़ी और राष्ट्र के गौरवान्वित नागरिकों के लिए शिक्षा का एक अनुकरणीय मॉडल है।
मध्य विंग के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि हम यहाँ एक साझा सोच, विचार और धारणा के साथ आए हैं कि शिक्षा मौलिक अधिकार के साथ ही, विशेषकर हमारे देश में लड़कियों और वंचित समुदायों के लिए प्रगति की आधारशिला भी है। आज हम यहां हिम ज्योति स्कूल के एक नए अध्याय की दहलीज पर खड़े हैं। राज्यपाल ने कहा कि आज खासकर उन लोगों के लिए जो विषम परिस्थितियों से लड़कर तमाम बाधाओं को पार करते हुए शिक्षा की मुख्य धारा में शामिल हो पाते हैं, उनके विषय में गहन मंथन किया जाना चाहिए।
छात्राओं को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि जैसे ही आप इन नई कक्षाओं में कदम रखते हैं, पहचानें कि शिक्षा अवसरों की दुनिया के लिए आपका पासपोर्ट है। उन्होंने कहा कि आज का उद्घाटन इस बात का प्रमाण है कि आपके अच्छे भविष्य के लिए और अधिक दरवाजे खुल रहे हैं, अधिक सपने उड़ान भर रहे हैं, और अधिक भविष्य आकार ले रहे हैं। राज्यपाल ने कहा कि आप भारत के विश्व गुरु बनने के सफर के ध्वजवाहक यानी पथ-प्रदर्शक हैं। आज अगर हमें फिर से भारत को विश्व गुरु बनाना है, तो अपनी संस्कृति, अपने मूल्यों और अपनी जड़ों से जुड़ना होगा। अपने राष्ट्र के ज्ञान-विज्ञान की महान परंपरा पर न सिर्फ गर्व करना होगा, बल्कि वर्तमान संदर्भ में उनका फिर से अनुसंधान कर, उन मूल्यों को फिर से स्थापित करना होगा। राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड के दिवंगत राज्यपाल, श्री सुदर्शन अग्रवाल ने एक ऐसे शैक्षणिक संस्थान की कल्पना की थी जो इन बाधाओं को तोड़ देगा, हमारे राज्य की वंचित लड़कियों के लिए सीखने का आश्रय प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि आज, हम उस दृष्टिकोण के मूर्त रूप का जश्न मनाने के लिए एकत्र हुए हैं। एक ऐसी संस्था जो उन लोगों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि समाज में प्रगति, खुशहाली और समरसता के लिए शिक्षा सबका अधिकार है और खुशी की बात है कि हिम ज्योति स्कूल का आज का विस्तार इस सिद्धांत को बढ़ावा दे रहा है। इस स्कूल के मध्य विंग का उद्घाटन न केवल भौतिक संसाधन में वृद्धि का प्रतीक है, बल्कि इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि यह वंचित परिवारों की अधिक से अधिक लड़कियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता का विस्तार है। राज्यपाल ने कहा कि इस उद्घाटन को केवल ईंटों और गारे का नहीं बल्कि शिक्षा की स्थायी शक्ति का उत्सव माना जाए। उन्होंने विश्वास जताया कि हिम ज्योति स्कूल का मध्य विंग नई आशा, महिला सशक्तिकरण और समान अवसर का प्रतीक बना रहेगा। आप जब शिक्षा प्राप्त करके सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ना शुरू करें तो अपने किसी गरीब, वंचित साथी को पीछे मत छोड़िये बल्कि उसकी सहायता कर उसे आगे बढ़ाने का प्रयास भी करिए। राज्यपाल ने कहा कि बालिका शिक्षा आज परिवार और समाज के विकास की एक धुरी है। लड़कियों की शिक्षा में निवेश परिवार, देश और पूरी दुनिया को बदल सकता है। शिक्षित होकर लड़कियाँ सक्षम तरीके से कार्यबल में शामिल हो सकेंगी, आजीविका कमा सकेंगी, अपने परिवार की देखभाल कर सकेंगी। इस तरह वे अपने और अपने परिवार के लिए बेहतर भविष्य के निर्माण के साथ ही देश के विकास में अहम योगदान दे सकती हैं।
राज्यपाल ने कहा कि हमें यह ध्यान में रखना होगा कि आज के बच्चे ही कल के भारत के निर्माता एवं कर्णधार हैं। हमारे लिए समाज का प्रत्येक बच्चा महत्वपूर्ण है और उसके सर्वांगीण विकास की जिम्मेदारी हम सब की है। हमारा प्रयास होना चाहिए कि सुविधाहीन बच्चों को अधिक से अधिक सुविधाएं उपलब्ध कराएं। राज्यपाल ने कहा कि परिवार, समुदाय, देश, समाज, राष्ट्र ये सब हमारे जीवन के हिस्से हैं, हमारी प्रेरणा के स्रोत भी हैं। इसलिए इनके विकास में योगदान करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने आजादी के शताब्दी वर्ष 2047 तक देश को विश्व गुरु, नंबर एक अर्थव्यवस्था, आत्मनिर्भर और विकसित भारत के संकल्पों को पूरा करने के लिए आप सभी से अपना अधिकतम योगदान देने की अपील की। इस अवसर पर हिमालयन स्कूल सोसाइटी के गवर्निंग बॉडी के सचिव राजीव अग्रवाल ने उपस्थित सभी लोगों का आभार व्यक्त किया। स्कूल की प्रिंसिपल रूमा मल्होत्रा ने स्कूल के क्रियाकलाप एवं उपलब्धियों की जानकारी दी।
कार्यक्रम में क्षेत्रीय निदेशक सीबीएसई बोर्ड रणबीर सिंह, ट्रस्टी हेमंत अरोड़ा, बोर्ड मेम्बर नन्दीता तालुकदार, अकादमिक परिषद के सदस्य ज्योत्सना बरार एवं ज्योति धवन, राकेश ओबरॉय एवं संजयसयाल सहित स्कूल के शिक्षकगण एवं छात्राएं उपस्थित रहीं।