गुप्तकाशी। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय के अथक प्रयासों एवं दानीदाता के सहयोग से मंदिरों के जीर्णोद्धार का कार्य सतत आगे बढ़ रहा है।बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय के निर्देशन में पहले चरण में तृतीय केदार श्री तुंगनाथ मंदिर की छतरी के जीर्णोद्धार के बाद अब अति प्राचीन श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी की जीर्ण-शीर्ण छतरी के जीर्णोद्धार का कार्य पूर्ण होने के बाद आज सोमवार को विधिवत छतरी तथा कलश को मंदिर के शीर्ष पर स्थापित कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय के प्रयासों से श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ कोठा भवन के जीर्णोद्धार का प्रथम चरण का कार्य पूरा हुआ है वही त्रियुगीनारायण में वेडिंग डेस्टिनेशन के लिए आधारभूत सुविधाएं जुटाई जा रही है साथ ही केदारनाथ-बदरीनाथ में निर्माण कार्य हो रहे है।
आज सोमवार को भगवान विश्वनाथ मंदिर की नव निर्मित छतरी को मंदिर के शीर्ष पर चढ़ाने के बाद कलश को मंगोली गांव के हक- हकूक धारियों की उपस्थिति में श्री विश्वनाथ मंदिर के शीर्ष में स्थापित कर दिया गया। आज ही श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के उपाध्यक्ष किशोर पंवार तथा दानीदाता दिनेश कानोड़िया परिवार ने श्री विश्वनाथ मंदिर परिसर गुप्तकाशी में जीर्ण- शीर्ण हो चुके श्री भैरवनाथ जी के मंदिर का भूमि पूजन किया यहां पर भब्य भैरवनाथ मंदिर का निर्माण किया जायेगा। साथ ही बीकेटीसी उपाध्यक्ष ने गुप्तकाशी मंदिर परिसर में वीआईपी आवास गृह का भी लोकार्पण किया। इस अवसर पर धर्माचार्य औंकार शुक्ला, वेदपाठी स्वयंबर सेमवाल, पुजारी शांत लिंग,पोतीत महावीर तिवारी ने पूजा-अर्चना की। उल्लेखनीय है कि दिल्ली के दानीदाता दिनेश कानोड़िया के सहयोग से श्री विश्वनाथ मंदिर की छतरी जीर्णोद्धार का कार्य संपन्न हुआ है छतरी को पुराने स्वरूप के ही अनुसार डिजाईन किया गया है।
छतरी एवं कलश स्थापित करने के अवसर पर मंदिर समिति उपाध्यक्ष किशोर पंवार सहित कार्याधिकारी आरसी तिवारी सहायक अभियंता विपिन तिवारी, पूर्व मुख्य प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल,जिला पंचायत सदस्य गणेश तिवारी, ग्राम प्रधान प्रेम सिंह नेगी, भैरवनाथ के पश्वा अरविंद शुक्ला, प्रबंधक भगवती सेमवाल, प्रदीप सेमवाल, किरन रावत, मदन अग्रवाल,वचन सिंह पंवार,मंगोली गांव के हकहकूकधारी अविरत्न धर्म्वाण,हरेंद्र धर्म्वाण,अभिषेक धर्म्वाण,दीपांस धर्म्वाण सहित कई श्रद्धालु मौजूद रहे।