देहरादून। चीन के खिलाफ रविवार को दुनिया भर के अलग-अलग देशों में विरोध प्रदर्शन किया गया. भारत में भी चीन के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। ये प्रदर्शन कई प्रमुख शहरों समेत उत्तराखंड के देहरादून- मसूरी में भी तिब्बती लोगों के द्वारा किया गया। तिब्बती समुदाय के लोग हर साल 10 मार्च को राष्ट्रीय विद्रोह दिवस के रूप में मनाकर चीन के खिलाफ रैली निकालते हैं।
देहरादून-मसूरी में तिब्बत के 65वें राष्ट्रीय विद्रोह दिवस पर तिब्बती सुमदाय के लोगों ने चीन के खिलाफ रैली निकाली। मसूरी हैप्पी वैली से शुरु हुई रैली में तिब्बती समुदाय के लोगों ने भाग लेकर तिब्बत की आजादी की मांग को मुखर किया। तिब्बत समुदाय के लोगों ने बताया कि तिब्बत में रह रहे तिब्बतियों को चीन की दमनकारी नीतियों समेत कई तरह की यातनाओं को सहना पड़ रहा है। ऐसे में अपने देश की आजादी की जंग में विद्रोह करते हुए कई तिब्बती चीनी सेना ने मार दिए हैं। आज उन बलिदानियों को भी तिब्बती समुदाय याद कर रहा है।
उन्होंने कहा कि तिब्बत में चीन वहां की कला संस्कृति और ऐतिहासिक धरोहरों के साथ छेड़छाड़ करके उन्हें समाप्त कर देना चाहता है। तिब्बत में चीन द्वारा डेम का निर्माण कराया जा रहा है। जिसका तिब्बत समुदाय के लोग विरोध कर रहे हैं। तिब्बत में वहां के लोग नरक जैसा जीवन व्यतीत कर रहे हैं। तिब्बतियों की आजादी के लिए वीर तिब्बती महिला पुरुष बलिदान दे रहे हैं। वहीं निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रधानमंत्री पेंपा सेरिंग ने कहा कि आज हमारा शहीद दिवस भी है। हम सभी अपने उन देशभक्तों की वीरता को याद करते हैं। जिन्होंने तिब्बत की आजादी के लिए अपने प्राण न्योछावर किए हैं। उन्होंने निर्वासित तिब्बत प्रशासन की ओर से तिब्बत की धार्मिक, राजनीतिक और जातीय पहचान के लिए अपना सब कुछ बलिदान करने वाले उन देशभक्त नायक-नायिकों के साहस एवं कार्यों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि भी दी।