देहरादून। विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर उत्तर नाट्य संस्थांन और दून विस्वविद्यालय रंगमंच एवं लोक कला विभाग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित समारोह का पहला दिन था।
समारोह की शुरुआत दीप प्रज्जलवन से की गयी उसके बाद वरिष्ठ रंगकर्मी एस पी ममगाईं को संयुक्त निदेशक सूचना के एस चौहान और एम् एस मंद्रवाल रजिस्ट्रार दून यूनिवर्सिटी ने नाट्याश्री सम्मान से सम्मानित किया गया जिसमें उन्हें एक प्रसस्ति पत्र और एक शाल भेंट की गयी और साथ में गयारह हज़ार रूपए की राशि दी गयी। श्री ममगाईं पिछले कई वर्षों से रंगमंच की सेवा में अपना अमूल्य समय देते आये हैं। ऐतिहासिक और धार्मिक नाटक उनकी विशेष्ता है।
समारोह का पहला प्रदर्शन संभव मंच परिवार के दो लघु नाटकों “फट जा पंचधार ” और “रहोगी तुम वही” से हुआ। दोनों नाटक महिला प्रधान हैं जिनमे एक मशहूर लेखक विद्यासागर नौटियाल जी कहानी है जो पहाड़ के महिला का दर्द बयां करती है।
इस अवसर पर उत्तरनाट्या संस्थांन के वरिष्ठ सदस्य रोशन धस्माना , उदय शंकर भट्ट, जाग्रति डोभाल , टी के अग्गरवाल , मंजुल मयंक मिश्रा और रंगकर्मी शिशिर शर्मा , स्वर्ण रावत , अविनंदा जी भी उपस्थित थे। इनके आलावा महिला समाख्या की पूर्व अध्यक्षा गीता गैरोला , पत्रकार फ़िल्मकार चांदवीर गायत्री भी मजूद रहे। रंगमंच एवं लोक कला विभाग दून यूनिवर्सिटी के डॉ अजीत पंवार और डॉ राकेश भट्ट ने भी आयोजको की भूमिका में उपस्थित थे। मंच का कुशल संचालन श्री नवनीत गैरोला कर रहे थे।