देहरादून। अंकिता भंडारी हत्याकांड पर भारतीय जनता पार्टी की खामोशी चुनाव में भारी पड़ती दिख रही है। इससे भाजपा को चुनाव में नुकसान उठाने की आशंका बनी हुई है। पीएम मोदी की रैली को लेकर गढ़वाल लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल ने कहा कि पीएम मोदी ने अंकिता भंडारी हत्याकांड पर एक शब्द भी नहीं बोला। जबकि उत्तराखण्ड की बेटी को न्याय मिले इसके लिए पूरे गढ़वाल की जनता एकजुट होकर संघर्ष कर रही है। इस मुद्दे पर भाजपा की खामोशी कई तरह के सवाल खड़े कर रही है।
अंकिता भंडारी हत्याकांड पर जहां भारतीय जनता पार्टी मौन है, तो वहीं कांग्रेस इस मुद्दे को दमदार तरीके से उठा रही है और लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को घेरने का पूरा प्रयास कर रही है। अब इसी मुद्दे पर गढ़वाल लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल का भी बयान आया है।
गणेश गोदियाल ने कहा कि प्रदेश की जनता को उम्मीद थी कि ऋषिकेश की रैली में पीएम मोदी अंकिता पर कुछ कहेंगे, लेकिन इतनी हाई प्रोफाइल मर्डर मिस्ट्री होने के बावजूद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मुंह से इस बारे में कुछ भी कहने को तैयार नहीं हुए।
गणेश गोदियाल ने कहा कि अपने संबोधन में पीएम मोदी ने सिर्फ कांग्रेस पर अनर्गल आरोप लगाए हैं, जो लोग कांग्रेस को वोट देना चाहते हैं, उनको भी प्रधानमंत्री ने इस बात के लिए कोसा कि वह लोग भगवान में विश्वास नहीं करते हैं। जबकि सत्यता यह है कि पूजा अर्चना के लिए अयोध्या में राम मंदिर के दरवाजे कांगे्रस के शासन में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने खुलवाए थे। जबकि भाजपा ने राम मंदिर को राजनीतिक मुद्दा बनाने का काम किया। जोकि भाजपा की ओछी राजनीति का सबूत है।प्रधानमंत्री ने जनसभा को संबोधित करते हुए धारी देवी का भी जिक्र किया, जबकि सत्यता यह है कि धारी देवी हमारी आराध्य देवी हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री को हमारी आस्था से खिलवाड़ करने का कोई अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा कि हमारी आस्था भगवान नरसिंह और भगवान भैरव समेत तमाम देवी देवताओं में है, जिनके नाम उन्हें खुद नहीं पता होंगे। लेकिन इसके ठीक उलट प्रधानमंत्री अंकिता और अग्निवीर योजना पर जवाब न देकर इधर-उधर की बातें कर रहे हैं।
बता दें कि कांग्रेस के गढ़वाल प्रत्याशी गणेश गोदियाल अंकिता भंडारी हत्याकांड में न्याय किए जाने को लेकर शुरू से ही मुखर रहे है। उन्होंने अंकिता भंडारी हत्याकांड में न्याय किए जाने की मांग को लेकर पूरे गढ़वाल क्षेत्र में आन्दोलन किया।