देहरादून। उत्तराखंड की पांच झीलों से प्रदेश को बड़ा खतरा हो सकता है। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि वैज्ञानिक संस्थानों के अध्ययन के बाद राज्य में 13 ऐसी झीलें चिह्नित की गई थीं जिन से खतरा बना हुआ है। इन झीलों को जुलाई में डिस्चार्ज किया जाएगा ताकि किसी भी प्रकार के आपदा के जोखिम से बचा जा सके। इनमें चमोली और पिथौरागढ़ की पांच झीलें ऐसी हैं जहां जल स्तर खतरे के लेवल पर पहुंच गया है और इन झीलों से कभी भी बड़े पैमाने पर रिसाव हो सकता है। उन्होंने कहा कि मामले में केंद्र और राज्य सरकार मिलकर सुरक्षा की दिशा में काम कर रहें है। इन पाचों झीलों को वैज्ञानिक तरीके से डिस्चार्ज किया जाएगा ताकि आपदा का खतरा पैदा न हो।
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