कोटद्वार। उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में आरोपी पुलकित कार्य की उस अर्जी को देश की सर्वोच्च अदालत द्वारा खारिज कर दिया गया है जिसमें मुख्य आरोपी ने अपने केस को कोटद्वार की अदालत से अन्य किसी अदालत में ट्रांसफर करने की मांग की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा पुलकित कार्य की इस याचिका को खारिज करते हुए कहा गया है कि यह एक संगीन आपराधिक मामला है। कोर्ट ने कहा कि इस केस में जल्द सुनवाई और न्याय करने की जरूरत है। उल्लेखनीय है कि अंकिता भंडारी हत्याकांड ने उत्तराखंड की राजनीति में तहलका मचा दिया था। क्योंकि इस केस का मुख्य आरोपी पुलकित आर्य के सत्ताधारी भाजपा से गहरे रसूख थे तथा अंकिता भंडारी की हत्या के इस केस में किसी वीवीआईपी को स्पेशल सर्विस देने के लिए अंकिता पर दबाव बनाने और मना करने पर हत्या करने जैसी बातें भी चर्चाओं के केंद्र में रही हैं। विपक्षी दल कांग्रेस के नेता अंकिता को न्याय दिलाने के नाम पर अब तक आंदोलन करते आए हैं।
अंकिता भंडारी जो पौड़ी गढ़वाल के एक गांव की रहने वाली थी ऋषिकेश के वन्तरा रिजार्ट में रिसेप्शनिस्ट के पद पर काम करती थी तथा वही रहती थी। उसे काम करते हुए अधिक समय नहीं हुआ था कि 18 सितंबर को उसके लापता होने की खबर खुद वंन्तरा रिजार्ट के स्वामी के बेटे पुलकित आर्य द्वारा ही राजस्व पुलिस को दी गई थी। जिसके एक सप्ताह बाद 24 सितंबर को उसका शव चीला नहर से बरामद हुआ था। इस मामले में पुलकित आर्य तथा उसके दो मैनेजर सौरभ भास्कर व अंकित गुप्ता के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।
सरकार द्वारा इस मामले में एक एसआईटी गठित की गई जिसकी प्रमुख पी. रेणुका देवी थी। इस मामले में 100 लोगों की गवाही या बयान दर्ज कर 500 पेज की रिपोर्ट दाखिल की गई। 2022 से तीनों आरोपी जेल में बंद है तथा कोटद्वार जिला अदालत में इसकी सुनवाई चल रही है। आरोपियों को जमानत तक नहीं मिल सकी है अब आरोपी पुलकित आर्य द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देकर अपना केस कहीं और ट्रांसफर करने की मांग की गई थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसकी अर्जी को खारिज कर दिया है।