देहरादून। सचिव, आपदा प्रबन्धन एंव पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि अतिवृष्टि के कारण अवस्थापना को भारी क्षति पहुँची है। मुख्यमंत्री द्वारा इस आपदा के कारण केदारनाथ तथा केदारनाथ यात्रा मार्ग पर फंसे लोगों के रेस्क्यू के लिए पूरी क्षमता के साथ खोज बचाव तथा राहत कार्य कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं। मुख्यमंत्री जी के द्वारा दिये गये निर्देशों के क्रम में 03.08.2024 को सांय 05ः00 बजे तक केदारनाथ धाम से 58 लोगों को, भीमबली तथा लिंचोली से 1849 लोंगों को तथा चीड़बासा (गौरीकुण्ड) से 75 लोगों को, इस प्रकार कुल 1982 लोगों को एयरलिफ्ट किया गया है। भीमबली तथा लिंचोली से लगभग 455 लोगों को चैमासी-कालीमठ के रास्ते निकाला गया है तथा गौरीकुण्ड से सोनप्रयाग हेतु लगभग 6662 लोगों को सकुशल निकाला गया है। इस प्रकार दिनाँक 01.08.2024 से 03.08.2024 तक कुल 9099 लोगों को सकुशल निकाला गया है।
रेस्क्यू तथा खोजबचाव का कार्य लगातार जारी है
केदारनाथ तथा रास्ते में उपर की और लगातार घने बादल छाये है तथा इस कारण रेस्क्यू कार्य में लगातार व्यवधान हो रहा है। भारतीय वायुसेना द्वारा उपलब्ध कराया चिनूक हैलीकॉप्टर मौसम खराब होने के कारण अभी तक एक भी उड़ान नहीं भर पाया है। एमआई-17 हैलीकॉप्टर द्वारा खराब मौसम के कारण अभी तक केवल 3 उड़ान भरी जा सकी है, तथा केवल 60 लोगों को रेस्क्यू किया जा सका है। ऐसे में राज्य सरकार द्वारा छोटे हैलीकॉप्टरों से रेस्क्यू का कार्य किया जा रहा है। दिनांक 04.08.2024 को लगभग 400 लोगों को केदारनाथ जी से लिंचैली तक पैदल लाकर लिंचैली से इनको हैलीकॉप्टर के माध्यम से चारधाम हैलीपेड, सिरसी हैलीपेड आदि स्थानों पर लाया गया है। वर्तमान में रेस्क्यू कार्य हेतु 05 हैलीकॉप्टर लगाए गए हैं। दिनाँक 04.08.2024 लिंचैली तथा भीमबली से लगभग 560 लोगों को तथा केदारनाथ से 80 लोगों को इस प्रकार कुल 640 लोगों का रेस्क्यू किया गया है। इस प्रकार दिनाँक 04.08.2024 तक सांय तक श्री केदारनाथ धाम से 138 लोगों को लिंचैली और भीमबली से 2409 लोगों को तथा चीड़बासा (गौरीकुण्ड) से 75 लोगों को इस प्रकार कुल 2622 लोगों को एयरलिफट किया गया है तथा चारधाम हैलीपेड, सिरसी हैलीपेड आदि स्थानों पर लाया गया है। भीमबली तथा लिंचैली से पैदल मार्ग से अब तक कुल 567 लोगों को चैमासी कालीमठ तक लाया गया है।
इसी प्रकार गौरीकुण्ड से सोनप्रयाग तक कुल 7185 लोगों को वापस लाया गया है। इस प्रकार दिनाँक 04.08.2024 को सांय 05ः00 बजे तक कुल 10374 लोगों को वापस लाया गया है। वर्तमान में गौरीकुण्ड से सभी को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है। गौरीकुण्ड में कोई भी यात्री शेष नहीं है। वर्तमान में वहाँ पर रहने वाले स्थानीय निवासीगण, दुकानदार, डोली पालकी संचालक, घोड़े खच्चर संचालक आदि रह रहें हैं। वर्तमान में भीमबली तथा लिंचैली से भी अधिकांश यात्रियों को सकुशल रेस्क्यू कर लिया गया है। वर्तमान में लिंचैली में लगभग 50 यात्री रूके है। वर्तमान में केदारनाथ धाम में लगभग 350 यात्री रूके हुए हैं। केदारनाथ धाम में लगभग 350 लोगों के अलावा तीर्थ पुरोहित, स्थानीय दुकानदार, स्थानीय निवासी, पालकी
डोली संचालक, घोड़े खच्चर संचालक आदि भी है। जो भी लोग नींचे आना चाहते हैं, माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा उनको भी आवश्यकतानुसार रेस्क्यू किये जाने के निर्देश दिये गये है। मुख्यमंत्री द्वारा केदारनाथ यात्रामार्ग पर रूके हुए लोगों को खाने पीने तथा आश्रय की समुचित व्यवस्था बनाए जाने के निर्देश दिये गए है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर केदारनाथ यात्रा मार्ग पर विभिन्न स्थानों पर रूके लोगों को खाने पीने की समुचित व्यवस्था कराई जा रही है। तथा इनके रूकने हेतु आश्रय की व्यवस्था की जा रही है। इन सभी स्थानों पर खाद्य सामग्री की पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है। सोनप्रयाग में अभी तक 12600 खाने के पैकेट 10570 पानी की बोतल, 1000 फ्रूटी, 1000 बिस्किट के पैकेट वितरित किये गये हैं तथा 1198 लोगों को लंच तथा 250 लोगों को डिनर की व्यवस्था करायी गई है। सिरसी में 3200 खाने के पैकेट तथा 12860 पानी की बोतल इसी प्रकार मुनकटिया, गौरीकुण्ड चारधाम हैलीपैड चैमासी, केदारनाथ हैलीपेड पर अब तक लगभग 18650 खाने के पैकेट तथा 27930 पानी की बोतल वितरित की गयी है। वर्तमान में केदारनाथ जी में 15 से अधिक दिनों हेतु खाद्य सामग्री उपलब्ध है, भीमबली में 7 कुन्तल चावल, 2.50 कुन्तल आटा,2.50 कुन्तल दाल, 7 ज्ञह चायपत्ती पर्याप्त मात्रा में पानी की बोतल, मसालें, ड्राईफूट आदि सामग्री 02.08.2024 से 03.08.2024 तक हैलीकॉप्टर की मदद से पहुँचाई गयी है। इसी प्रकार चैमासी में दिनाँक 03.08.2024 को 50 किलो आटा, 50 किलो चावल, 50 किलो आलू 5 किलो नमक, 10 किलो नमक, 10 किलो तेल, 10 किलो दाल, 30 किलो चीनी, 888 पानी की बोतल तथा अन्य सामग्री पहुँचायी गयी है। मुख्यमंत्री जी के द्वारा खोज बचाव तथा राहत कार्य में तेजी लाये जाने के निर्देश दिये गये हैं।
मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुपालन में खोज-बचाव तथा राहत कार्यों में मानव शक्ति बढ़ायी गयी है। दिनांक 03.08.2024 तक खोज व बचाव तथा राहत कार्य में कुल 882 लोग कार्य कर रहे थे। दिनांक 04.08.2024 को इसमें और 278 लोगों को बढ़ाया गया है। दिनांक 04.08.2024 को खोज-बचाव तथा राहत कार्य में कुल 1160 लोग कार्य कर रहे हैं।