प्रवासी उत्तराखण्डियों ने अप्रवासियों के प्रति किया अपने कर्तव्यों का निर्वहन

टिहरी। अखिल भारतीय उत्तराखण्ड महासभा के राष्ट्रीय मुख्य सलाहकार बीरेन्द्र दत्त सेमवाल तथा संस्थापक महासचिव मनमोहन दुदपुड़ी के नेतृत्व में 6 सदस्यीय दल ने तिनगढ़, तोळी कोट टिहरी गढ़वाल के आपदाग्रस्त भाई-बहन व बच्चों के मध्य पहुँचकर 100 कम्बल, 100 दरी, 100 ट्रैक सूट व खाद्य सामाग्री सहित दैनिक उपभोग की वस्तुएँ वितरित की। जनहित के उद्देश्य को लेकर प्रवासी उत्तराखण्डी भाई-बहनों ने अपने सामाजिक दायित्व का निर्वहन किया।

आपदा सहायता के प्रथम चरण में बीरेन्द्र दत्त सेमवाल, मनमोहन दुदपुड़ी के अतिरिक्त राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष बिजेन्द्र ध्यानी, संस्थापक मण्डल सदस्य मोहन जोशी, ओ.पी. रतूड़ी तथा टी.आर. कैलखुरा ने आपदा शिविर में उनकी कथा-व्यथा सुनकर उन्हें आश्वस्त किया कि सहायता के दूसरे चरण के अन्तर्गत महासभा का दूसरा दल अविलम्ब उनके मध्य पहुँचेगा। उत्तराखण्ड के परिप्रेक्ष्य में इसी जैसे पावन उद्देश्य को लेकर प्रवासी उत्तराखण्डी भाई-बहनों ने राष्ट्र स्तरीय अखिल भारतीय उत्तराखण्ड महासभा का आज से 17 वर्ष पूर्व 20 जुलाई 2008 को गठन कर अनवरत अपने सामाजिक दायित्व का निर्वहन किया।

महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भवान सिंह रावत एवं राष्ट्रीय महासचिव जनार्दन बुड़ाकोटी ने कहा कि महासभा के समस्त प्रदेशाध्यक्ष/महासचिवों से विचार विमर्श कर उत्तराखण्ड के माननीय मुख्यमन्त्री पुष्कर सिंह धामी जी से मिलकर महासभा के प्रतिनिधि मण्डल द्वारा आपदाग्रस्त ग्रामीण भाई-बहनों के पुनर्वास हेतु त्वरित कार्रवाही करने का आग्रह किया जाएगा तथा शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण, कृषि, जल संरक्षण, उच्च स्तरीय खेलकूद व सामान्य ज्ञान प्रतियोगिताओं का आयोजन, पलायन प्रत्यावर्तन, रक्तदान शिविरायोजन के साथ-साथ महासभा अब “अंगदान” जैसे महनीय पुण्य कर्म हेतु जन-जागरण के क्षेत्र में अपना लक्ष्य निर्धारित करेगी।

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