पौड़ी। जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान ने जिला कार्यालय सभागार में विकासीय योजनाओं की समीक्षा बैठक लेते हुए बीस सूत्रीय कार्यक्रम में खराब स्थिति को लेकर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए जिला प्रोबेशन अधिकारी व मुख्य चिकित्साधिकारी के वेतन रोकने के निर्देश दिये हैं। उन्होने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा बैठक में प्रतिभाग नहीं करने व जिला योजना में आवंटित धनराशि के सापेक्ष न्यूनतम व्यय किये जाने को लेकर वेतन रोकने के निर्देश दिये जबकि जिला समाज कल्याण अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, अधिशासी अभियन्ता विद्युत, जिला पंचायतराज अधिकारी द्वारा बैठक में प्रतिभाग नहीं करने पर स्पष्टीकरण तलब किया है।
सोमवार को आयोजित राज्य सेक्टर, जिला योजना व बीस सूत्री कार्यक्रम की समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य विभाग की 5 योजनाएं/मदंे ’डी’ श्रेणी में व 1 मद ’सी- श्रेणी में पाये जाने पर जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी के वेतन रोकने के निर्देश दिये हैं। बाल विकास विभाग की तीन योजनाएं/मदें बी श्रेणी में तथा दो योजनाएं ’सी’ श्रेणी में पाये जाने पर जिलाधिकारी ने जिला प्रोबेशन अधिकारी के वेतन रोकने के निर्देश दिये हैं। बी, सी व डी श्रेणी की मदों/योजनाओं को ’ए’ श्रेणी में लाने व मदों की निरंतर समीक्षा हेत जिलाधिकारी ने प्रशिक्षु आईएएस दीक्षिका जोशी की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स समिति के गठन के निर्देश दिये हैं। लोक निर्माण विभाग की जिला योजना में व्यय की खराब स्थिति को लेकर जिलाधिकारी ने सख्त हिदायत देते हुए 15 दिन के भीतर वित्तीय प्रगति लाने के निर्देश दिये हैं। राजकीय सिंचाई, जल संस्थान, वन विभाग, सिंचाई, कृषि विभाग को लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति लाने को कहा है। बैठक में अर्थ एवं संख्या विभाग द्वारा योजनाओं की वित्तीय प्रगति के आंकडे प्रस्तुत करते हुए कहा कि जिला सेक्टर योजना में जुलाई माह में अवमुक्त धनराशि के सापेक्ष व्यय प्रतिशत 3.68, राज्य सैक्टर योजना में 54.72 प्रतिशत जबकि केन्द्र पोषित योजना में 76.77 प्रतिशत धनराशि व्यय की जा चुकी है।
बैठक में जिला विकास अधिकारी मनविन्दर कौर, जिला प्रोबेशन अधिकारी देवेन्द्र थपलियाल, प्रभारी मुख्य शिक्षाधिकारी नागेन्द्र बर्तवाल, ईई जल संस्थान एस0के0 रॉय, ईई लोनिवि दिनेश बिजल्वांण, मत्य अधिकारी अभिषेक मिश्रा, अपर संख्याधिकारी वीरेन्द्र नगी व रंजीत रावत एसडीओ वन विभाग आईशा बिष्ट सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।