पौड़ी। प्राकृतिक जल स्त्रोतों, नौले-धारे और सहायक नदियों के पुनर्जीवीकरण को लेकर जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने एनआईसी कक्ष में स्प्रिंग एवं रिवर रिजुविनेशन प्राधिकरण और कैच द रैन कार्याे की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि सूख रहे जल स्त्रोतों, नदियों एवं जलधाराओं की कार्ययोजना तैयार करते हुए रिपोर्ट प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें।
मंगलवार को आयोजित बैठक में जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि आपसी समन्वय स्थापित करते हुए जल संरक्षण एवं संवर्धन के कार्य में तेजी लाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि वर्षा जल संरक्षण के लिए भी विभागीय स्तर पर लक्ष्य निर्धारण करते हुए सघन वृक्षारोपण, खंती, चाल-खाल, चैकडैम एवं अन्य जल संग्रहण संरचनाओं का निर्माण करें। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जनपद क्षेत्रातंर्गत विकासखंड़वार 10-10 जल स्त्रोतों के संवर्द्धन व 20 सहायक नदियों को पुनर्जीवित किये जाने संबंधि लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आपसी समन्वय कार्य करना सुनिश्चित करें।
जलागम निदेशक सिद्धार्थ श्रीवास्तव ने बैठक में बताया कि जल स्त्रोतों, नौले धारे, सहायक नदियां के पुनर्जीवीकरण के लिए वित्तीय वर्ष 16 करोड़ की धनराशि आवंटित हुई है। कहा कि सभी विकासखंड़ों में जल संरक्षण को लेकर खंतियां, चैक डैम का कार्य, जल स्त्रोतों के आसपास वृक्षा रोपण का कार्य सहित अन्य कार्य संबंधित विभागों द्वारा किया जा रहा है।
बैठक में डीएफओ गढ़वाल स्पन्पिल अनिरूद्व, डीएफओ सिविल एवं सोयम शिशुपाल सिंह, अधीक्षण अभियंता जल संस्थान प्रवीण सैनी, जिला विकास अधिकारी मनविन्दर कौर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।