देहरादून। उत्तराखंड में सब कुछ सामान्य रहा तो आने वाले 2 महीने चुनाव के लिहाज से व्यस्त रहने वाले हैं। इसकी वजह निकाय चुनाव है। निकाय चुनाव को लेकर दिसंबर की तैयारी चल रही है। जबकि, पंचायत चुनाव को लेकर भी जनवरी की तैयारी है। ऐसे में किस तारीख में कौन सी प्रक्रिया पूरी होगी और चुनाव को लेकर सरकार व निर्वाचन कितना तैयार है? इसकी जानकारी से रूबरू करवाते हैं। दरअसल, निकाय चुनाव को लेकर सरकार की ओर से की जा रही तैयारी और कोर्ट में दिए गए एफिडेविट के अनुसार 10 नवंबर 2024 को निकाय चुनाव का नोटिफिकेशन जारी होना है। इसके ठीक बाद 27 नवंबर को उत्तराखंड में पंचायतों का कार्यकाल पूरा हो रहा है। ऐसे में इन दोनों चुनावों को लेकर अब तैयारी तेज हो चुकी है।
निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव दोनों आपस में इसलिए भी संबंध रखते हैं। क्योंकि, परिसीमन को लेकर जब निकायों में स्थिति स्पष्ट होगी, तभी पंचायत में भी परिसीमन को लेकर के स्थिति स्पष्ट होगी। क्योंकि, पंचायत से अगर कोई हिस्सा निकाय में जाता है तो वो हिस्सा पंचायत से हटाना पड़ेगा। यदि निकाय से कोई हिस्सा पंचायत में जाता है तो उसको पंचायत के परिसीमन में जोड़ना होगा। ऐसे में सरकार के दो विभाग शहरी विकास और पंचायती राज दोनों अपने आप ने जिम्मेदारियां को निभाने में जुटे हैं।
खुद शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने इस बात को स्पष्ट किया है कि 2011 की जनगणना के आधार पर अब निकाय चुनाव किए जाएंगे। उन्होंने स्पष्ट किया है कि 2018 में भी 2011 की जनगणना के आधार पर निकाय चुनाव किए गए थे। इस आधार पर इस बार भी कराए जा सकते हैं। वहीं, दूसरी तरफ पंचायती राज विभाग से निदेशक निधि यादव ने बताया कि पंचायत चुनाव के लिहाज से सभी जिलों में परिसीमन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
नए परिसीमन के बाद अब अगर उत्तराखंड में कुल निकायों की बात करें तो अब प्रदेश में 105 निकाय हैं, जिनमें से बदरीनाथ, केदारनाथ और गंगोत्री में चुनाव नहीं होते हैं। यानी कि 102 निकायों पर चुनाव होने हैं। 102 निकायों में अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ 2 नए नगर निगम के साथ प्रदेश में अब कुल नगर निगमों की संख्या 11 हो गई है। वहीं, पुरोला, कालाढूंगी और भीमताल 3 नई नगर पालिकाओं के साथ नगर पालिकाओं की संख्या 42 से बढ़कर 45 हो गई है। वहीं, मुनस्यारी, घाट और गुप्तकाशी 3 नई नगर पंचायत के साथ प्रदेश में कुल नगर पंचायत की संख्या 43 से बढ़कर 46 हो गई है।