नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने विजिलेंस टीम नैनीताल के मुख्य कोषाधिकारी नैनीताल और अकाउंटेंट कोषागार नैनीताल को एक लाख 20 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़े जाने के मामले पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ ने फिलहाल मुख्य कोषाधिकारी दिनेश राणा को जमानत नहीं देते हुए कहा कि जांच अधिकारी को 5 जून को रिकॉर्ड के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेश हों।
सुनवाई के दौरान आरोपी की तरफ से कहा गया कि की उन्हें इस मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है। जबकि उसने शिकायतकर्ता की एसीपी का क्लेम की फाइल पहले ही वापस लौटा दी थी। इससे नाराज होकर उसने यह षडयंत्र रचा गया। जो पैसों की रिकवरी हुई वह अकाउंटेंट के दराज से हुई। जबकि सरकार की तरफ से कहा गया कि जब मामले की जांच हुई तो पाए गए नोटों पर अकाउंटेंट और मुख्य कोषाधिकारी के उंगलियों के निशान पाए गए। इसकी पुष्टि करने के लिए एक कांच के गिलास में पानी भरकर रखा गया। उसमें सोडियम कार्बाेनेट डाला गया। उसके बाद दिनेश राणा और बंसत जोशी के हाथ धोए गए। इसमें दोनों के हाथ धोने पर पानी का रंग गुलाबी हो गया। इससे स्पष्ट हो गया कि इन लोगों ने रिश्वत ली। नोटों पर इनके उंगलियों के निशान लगे हुए थे।
मामले के अनुसार, विजिलेंस से शिकायतकर्ता ने सतर्कता अधिष्ठान में शिकायत की थी कि वह हल्द्वानी न्यायालय में कार्यरत है। उसके और उसके 5 अन्य साथियों की एसीपी लगनी थी। जिसके लिए नियमानुसार 3 सदस्यों की कमेटी का गठन किया गया था। जिसमें वरिष्ठ कोषाधिकारी नैनीताल भी सदस्य बनाए गए। कमेटी के दोनों सदस्यों ने अपने हस्ताक्षर कर दिए और मुख्य कोषाधिकारी, नैनीताल दिनेश कुमार राणा के हस्ताक्षर होने थे, लेकिन वह हस्ताक्षर नहीं कर रहे थे।
जब शिकायतकर्ता ने जानकारी की गई तो पता चला कि मुख्य कोषाधिकारी हस्ताक्षर करने को तैयार नहीं हैं। आरोपी दिनेश कुमार राणा के कार्यालय में नियुक्त अकाउंटेंट बसंत कुमार जोशी ने फोन कर बताया कि आप कार्यालय आ जाना। शिकायतकर्ता जब कार्यालय जाकर बसंत कुमार जोशी से मिला तो उसने बताया कि सीटीओ साहब का कहना है कि आप लोगों का 5 से 6 लाख का एरियर बन रहा है और आप 6 लोग हो। वे प्रत्येक व्यक्ति के 50-50 हजार देने को कह रहे हैं। जिसमें शिकायतकर्ता से 1 लाख 20 हजार रुपये लेकर हस्ताक्षर करने की बात तय हो गई।
इस शिकायत को जांच से प्रथम दृष्टया सही पाए जाने पर पुलिस उपाधीक्षक सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर हल्द्वानी पक निरीक्षक के नेतृत्व में तत्काल ट्रैप टीम का गठन किया। सतर्कता अधिष्ठान हल्द्वानी की ट्रैप टीम ने नियमानुसार कार्रवाई करते हुए दिनांक 9 मई 2025 को आरोपी दिनेश कुमार राणा पुत्र रामपाल सिंह मुख्य कोषाधिकारी नैनीताल और अभियुक्त बसंत कुमार जोशी पुत्र जगदीश प्रसाद जोशी को शिकायतकर्ता से 1 लाख 20 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए मुख्य कोषाधिकारी कार्यालय नैनीताल से रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था। तब से राणा जेल में बंद हैं। निचली अदालत ने पूर्व में उनकी जमानत याचिका निरस्त कर दी थी। आज उनके द्वारा अपनी जमानत के लिए उच्च न्यायालय में प्रार्थना पत्र पेश किया गया।