देहरादून। उत्तर नाट्य संस्थान एवम दून विश्व विद्यालय रंगमंच एवम लोक कला विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सात दिवसीय रंगमंच महोत्सव का आखिरी दिन था। इस अवसर पर मुख्य अथिति राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के पूर्व छात्र एवम प्रसिद्ध निर्देशक दिनेश खन्ना जी थे। दिनेश खन्ना ने आज दिन में पहले रंगकर्मियों और छात्र और छात्राओं के साथ रंगमंच विषय पर एक वार्ता की । वार्ता में खन्ना जी अपने अनुभव बताए और रंगमंच को किस तरह और तकनीकों से सुधारा जा सकता है । इस वार्ता मे रंगकर्मी शिरीष डोभाल ने अपने अनुभव सांझा किए और विश्विद्यालय के रंगमंच विभाग के लगातार प्रयासों की सराहना की। रंगकर्मी टी के अग्रवाल ने विद्यार्थियों को लाइट्स सीखने का आमंत्रण दिया और कहा घर पर एक पूरा स्टूडियो है जहा विद्यार्थी अपने प्रयोग कर सकते है।
शाम को दून विश्व विद्यालय रंगमंच विभाग की प्रस्तुति ‘अन्वेषक’ का मंचन हुआ। अन्वेषक की कहानी आर्यभट्ट की जीवनी पर आधारित थी। gupt smarajya के राज की इस कहानी में उच्च शिक्षा की राजनीति का भी वर्णन है जहा एक वैज्ञानिक कैसे साथी कर्मियों की छोटी सोच का शिकार हो जाता है और पहचान की लड़ाई लड़ता रहता है।
इस अवसर पर उत्तर नाट्य संस्थान ने अपनी स्मारिका का भी अनावरण किया और इस अवसर शहर के सभी वरिष्ठ रंगकर्मी जिनमें अविनंदा, जन कवि अतुल शर्मा, उतर नाट्य संस्थान के एस पी ममगाईं, रोशन धस्माना, मंजुल मिश्रा, अभिषेक मेंदोला, कुसुम पंत, सुदीप जुगरान, कैलाश कंडवाल, टी के अग्रवाल सहित विश्व विद्यालय कुलपति प्रो डॉक्टर सुरेखा डंगवाल , डॉक्टर हर्ष डोभाल, डॉक्टर पुरोहित, डॉक्टर सुवर्ण रावत एवम शिरीष डोभाल जी उपस्थित थे।