स्थानीय मुद्दों पर चुनाव लड़ रहे गोदियाल को प्रचार के दौरान मिल रहा जबरदस्त जन समर्थन
दुर्गम गांवों में भी गोदियाल को लेकर आम लोगों में जबरदस्त क्रेज, सुनने और देखने को खुद ही रैली में पहुंच रहे लोग
कोटद्वार। उत्तराखण्ड की पांच लोकसभा सीटों में से सिर्फ पौड़ी गढ़वाल एक मात्र ऐसी सीट है जहां भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे का मुकाबला माना जा रहा है। कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल को मिल रहे अप्रत्याशित जन समर्थन से भाजपा की पेशानी पर बल पड़ने लगे हैं।
शुक्रवार को उत्तराखंड के गढ़वाल लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल अपने चुनावी अभियान पर कोटद्वार में पहुंचे तो कोटद्वार कांग्रेस कार्यकर्ताओं व भाजपा से नाराज़ जनता ने कांग्रेस प्रत्याशी का जोरदार स्वागत किया। गणेश गोदियाल ने अपने चुनावी अभियान की शुरुआत वार्ड नं 3 लालपानी से की व विभिन्न वार्डों में सभाएं कर जनता से सहयोग मांगा।
उत्तराखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी, जिला अध्यक्ष विनोद डबराल, कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना, प्रदेश महामंत्री महिला कांग्रेस रंजना रावत, प्रदेश प्रवक्ता जसबीर राना, महानगर अध्यक्ष संजय मित्तल सहित स्थानीय कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने पूरे जोश के साथ सहयोग करते हुए भाजपा शासन के 10 सालों से उत्तराखंड की उपेक्षा, महिला विरोधी मानसिकता, युवाओं को छलने, वासिंग मशीन बनकर राजनीतिक दलों को तोड़कर सफाई करने और करनी और कथनी का छलावा कर जनता को गुमराह कर ठगने का तमगा लगाया।
शुक्रवार को कोटद्वार में गोदियाल की रैली उमड़ी भीड़ ने तो भाजपा की नींद उड़ा कर रख दी है। रैली में मातृशक्ति ने रिकॉर्ड संख्या में शिरकत कीए उनमें जबरदस्त उत्साह देखा गया।
नामांकन के दिन पौड़ी में गोदियाल ने अप्रत्याशित भीड़ जुटाकर अपनी लोकप्रियता का ट्रेलर दिखा दिया था। भीड़ के लिहाज से गोदियाल की नामांकन सभा भाजपा से बीस मानी गई। वह विशुद्ध रूप से स्थानीय मुद्दों को आगे रखकर चुनाव लड़ रहे हैं। खासतौर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर किसी भी तरह का आरोप लगाने और निशाना साधने से वह बच रहे हैं। बेरोजगारी, अंकिता भंडारी हत्याकांड और अग्निवीर भर्ती के साथ ही पहाड़ी सरोकार से जुड़े विषयों को गोदियाल लंबे समय से मुखर रहे हैं। जनता के उनका सीधा जुड़ाव रहा है। अब यही जुड़ाव उनकी ताकत बन गया है। आलम यह है कि लोग गोदियाल को कांग्रेस का नहीं बल्कि खुद का प्रत्याशी बताने लगे हैं। आम लोग भी चंदे के रूप में उनकी आर्थिक मदद कर रहे हैं। गोदियाल लहर इस कदर व्यापक हो गई है कि दुर्गम गांवों में भी उनकी चर्चा हो रही है। गोदियाल को देखने, सुनने और मिलने के लिए लोग आतुर दिखाई दे रहे हैं। शुक्रवार को कोटद्वार में हुई गोदियाल की रैली में इसकी झलक साफ दिखाई दी।