देहरादून। उत्तरकाशी के गंगोत्री गौमुख ट्रेक पर दो कांवड़ियों के बहने के बाद अब गौमुख में गए तमाम कांवड़ियों को निकालने का सिलसिला एसडीआरएफ ने शुरू कर दिया है। शुक्रवार सुबह एसडीआरएफ की एक टीम उसी जगह पर पहुंची, जहां पर लकड़ी का पुल गुरुवार को पानी के तेज बहाव में बह गया था। वहां फंसे तमाम कांवड़ियों को आज एक-एक करके निकालने का काम शुरू कर दिया गया है।
गंगोत्री और गौमुख के रास्ते पर कई जगहों पर ऐसे स्थान मौजूद हैं, जहां पर पानी का तेज बहाव किसी के लिए भी मुसीबत बन सकता है। बावजूद इसके कांवड़िए ऐसी जगह पर जा रहे हैं। लगातार पुलिस प्रशासन और सरकार अपील कर रही है कि कोई भी व्यक्ति ऐसे स्थान पर न जाए, जहां पर उनकी जान को खतरा हो सकता है। लिहाजा अब मानसून और हादसों को देखते हुए उत्तरकाशी प्रशासन ने गौमुख जाने वाले कांवड़ियों को आगे जाने से मना कर दिया गया है। जितने कांवड़िए गौमुख में गए हुए थे, उनको निकालने का सिलसिला शुरू किया गया है। सावन के महीने में शिव भक्त गौमुख से जल लेकर अपने-अपने गंतव्य को जाते हैं।
खतरनाक लहरों और बढ़ते पानी के बीच एसडीआरएफ के जवानों ने सभी कावड़ियों को सकुशल निकालने का ऑपरेशन चलाया हुआ है। अब उन दो कांवड़ियों की तलाश की जा रही है, जो गुरुवार 4 जुलाई को पानी के तेज बहाव में बह गए थे। एसडीआरएफ के उप निरीक्षक सावर सिंह ने बताया कि हमें यह सूचना मिली थी कि गोमुख के रास्ते पर 40 कांवड़िए फंसे हुए हैं। इनके रेस्क्यू के लिए हमारी टीम तत्काल वहां पर पहुंची। 8 किलोमीटर पैदल चलने के बाद हमने कांवड़ियों को निकालना शुरू किया। अभी यह रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।