देहरादून। चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में मेडिकल फैकल्टी की कमी को दूर करते हुये राज्य सरकार ने विभिन्न संकायों में संविदा के माध्यम से लगभग एक दर्जन मेडिकल फैकल्टी की नियुक्ति को मंजूरी दी है। इन मेडिकल फैकल्टी की नियुक्ति से मेडिकल कॉलेज में जहां शैक्षणिक गतिविधियों में सुधार आयेगा वहीं यहां आने वाले मरीजों को बेतहर उपचार मिल सकेगा।
सूबे के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में मेडिकल फैकल्टी की कमी को दूर करने के लिये राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है। इसी कड़ी में हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में संविदा के आधार पर विभिन्न संकायों में लगभग एक दर्जन मेडिकल फैकल्टी नियुक्त की जायेगी, जिसकी मंजूरी सरकार ने दे दी है। जिसमें फार्माकोलॉजी विभाग के अंतर्गत असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर डॉ. अंकिता बिष्ट, माइक्रोबायोलॉजी में डॉ. प्रियंका टम्टा, डॉ. रितिका, नेत्र रोग में डॉ. हमानी जेलखानी, यूरोलॉजी में डॉ. असितकुमार चैधरी, सर्जिकल ऑकोलॉजी में डॉ. शिवांगी सुंदरम, रेडियेशन फिजीक्सध्मेडिकल फिजीसस्ट में डॉ. शुभम दास शामिल है। इसी प्रकार जनरल सर्जरी में एसोसिएट प्रोफेसर पद पर डॉ. श्वेताभ प्रधान तथा अस्थि रोग विभाग में डॉ. दिवाकर प्रताप शामिल है। इन सभी संकाय सदस्यों का चयन हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति की अध्यक्षता में गठित समिति ने वॉक-इन-इंटरव्यू के माध्यम से हुआ है। चयनित मेडिकल फैकल्टी को तीन वर्ष अथवा उक्त पदों पर नियमित नियुक्ति होने तक जो भी पहले हो के लिये नियुक्त किया गया है। मेडिकल फैकल्टी की नियुक्ति से मेडिकल कॉलेज में जहां शैक्षणिक गतिविधियों में सुधार आयेगा वहीं यहां आने वाले मरीजों को बेतहर उपचार मिल सकेगा।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का कहना है कि हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में विभिन्न संकायों में मेडिकल फैकल्टी की नियुक्ति कर दी गई है। जिससे कॉलेज में संकाय सदस्यों की कमी दूर कर दी है। सरकार का लक्ष्य प्रदेश के प्रत्येक राजकीय मेडिकल कॉलेज में शत-प्रतिशत मेडिकल फैकल्टी की तैनाती करना है, इसके प्रयास लगातार किये जा रहे हैं।