देहरादून। सावन शिवरात्रि का त्योहार सावन या सावन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन मनाया जाता है। सावन शिवरात्रि भगवान शिव की पूजा के लिए दूसरा सबसे बड़ा दिन है। वैसे तो सावन का हर दिन शिव पूजा के लिए शुभ होता है, लेकिन सावन की शिवरात्रि का दिन सबसे अच्छा दिन माना जाता है। इस दिन लोग व्रत रखते हैं और शिव-पार्वती की पूजा करते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार मासिक शिवरात्रि 2 अगस्त को मनाई जाएगी। इस दिन भक्तगण दिनभर उपवासी रहकर शिवलिंग का अभिषेक करते हैं, जप, पूजा और ध्यान करते हैं। वहीं इस साल दशकों बाद सावन शिवरात्रि पर “भद्रावास” योग बन रहा है, जिसमें व्रत रखने से दोगुना फल प्राप्त होगा।
ज्योतिषी शुभम तिवारी ने बताया कि सनातन धर्म में मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व है। यह पर्व हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा की जाती है। पंचांग के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 02 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी और इसके अगले दिन यानी 03 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 50 मिनट पर समाप्त होगी। चतुर्दशी तिथि पर भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा होती है। इसलिए 02 अगस्त को सावन शिवरात्रि मनाई जाएगी। वहीं इस साल सावन शिवरात्रि के दिन भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है। पुजारी शुभम ने बताया कि इस साल सावन शिवरात्रि पर दशकों बाद एक विशेष भद्रावास योग बन रहा है, जो इस दिन को और भी महत्वपूर्ण बना देता है। भद्रावास योग के दौरान व्रत और पूजा करने से दोगुना लाभ प्राप्त होने की मान्यता है।