प्रधानमंत्री ने किया उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का उदघाटन

देहरादून। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज देहरादून में उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 का शुभारंभ किया। इस दौरा निवेशक सम्मेलन कार्यक्रम में को सम्बोधित करते हुए मोदी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड आकर उनका मन धन्य हो जाता है। कुछ वर्ष पहले जब बाबा केदार के दर्शन को पहुंच तो मुंह से निकला की 21 वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का है। खुशी है कि इसे चरितार्थ होते देख रहा हूं। बीते दिनों उत्तरकाशी में श्रमिकों निकालने के सफल अभियान की शुभकामनाएं दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने उत्तराखंड को जिया है, उसकी भावनाओं को महसूस किया है। सामर्थ्य से भरी देवभूमि निवेश के बहुत सारे द्वार खोलने जा रही है। बिजनेस की दुनिया के दिग्गज सभी पहलुओं का आकलन कर आगे की रणनीति बनाते हैं। आज भारत को लेकर विश्लेषण करें। भारत आज अस्थिरता नहीं चाहता। आज भारतीयों को दुनिया सम्मान की दृष्टि से देख रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के बावजूद भारत तेजी से विकसित हो रहा है। भारत आज विश्व अलग स्थिति में दिखता है। डबल इंजन के प्रयास सभी तरफ दिख रहे हैं। केंद्र सरकार के प्रयास में उत्तराखंड की राज्य सरकार तेजी से उतरती है। गांव की सड़क हो या चारधाम की, अभूतपूर्व काम चल रहा है। दिल्ली-देहरादून की दूरी ढाई घंटे में तय होगी। उन्होंने अपने संबोधन में हवाई कनेक्टिविटी का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि हर क्षेत्र में नए रास्ते बन रहे हैं। उद्योग के लिए नए अवसर बन रहे हैं। एक बहुत बड़ा अवसर मिल रहा है। यह एक अभूतपूर्व समय है। भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनने जा रहा है। प्रधानमंत्री ने  कहा, बीते दिनों उत्तरकाशी में टनल से हमारे श्रमिक भाइयों को सुरक्षित निकालने का जो सफल अभियान चला उसके लिए मैं राज्य सरकार सहित सभी का विशेषतौर पर अभिनंदन करता हूं। उन्होंने कहा, मुझे उत्तराखंड के लिए एक कविता याद आती है, “जहां अंजलि में गंगाजल हो जहां अंजलि में गंगाजल हो, जहां हर एक मां बस निश्चल हो, जहां गांव में देशभक्ति जहां नारी में सच्चा बाल हो, उसे देवभूमि का आशीर्वाद दिए मैं चला जाता हूं, इस देव भूमि के ध्यान से मैं सदा धन्य हो जाता हूं, भाग्य मेरा सौभाग्य मेरा मैं तुमको शीश नवाता।” प्रधानमंत्री ने कहा कि साथियों समर्थ आपके लिए निवेश के बहुत सारे द्वार खोलने जा रही है आज भारत विकास भी और विरासत की भी मंत्र के साथ आगे बढ़ रहा है… उत्तराखंड उसका प्रखर उदाहरण है।आप सभी बिजनेस की दुनिया के दिग्गज हैं। एक राष्ट्र के रूप में आज हम भारत को लेकर ऐसी ही स्वॉट एनालिसिस करें तो क्या हमें चारों तरफ एक्सप्रेशन हो सेल्फ कॉन्फिडेंस इनोवेशन और अपॉर्चुनिटी ही दिखेगी।हाल में हुई विधानसभा चुनाव में भी हमने देखा है और उत्तराखंड में लोगों ने पहले करके दिखाया। जनता ने गुड गवर्नेंस के लिए वोट दिया। गवर्नेंस के ट्रैक रिकॉर्ड के आधार पर वोट दिया है। आपने देखा है कि कोरोना वैक्सीन हो या फिर इकोनामी भारत ने अपनी नीतियों के दम पर बाकी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में अलग ही लीग में दिखता है। इसका फायदा उत्तराखंड जैसे राज्य को भी हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि साथियों इन परिस्थितियों में उत्तराखंड इसलिए भी विशेष और स्वाभाविक हो जाता है क्योंकि यहां डबल इंजन सरकार है। उत्तराखंड में डबल प्रज्ञा चारों तरफ दिख रहा है। राज्य सरकार अपनी तरफ से जमीनी सच्चाई को समझते हुए यहां तेजी से काम कर रही है। इसके अलावा भारत सरकार की योजनाओं हमारे विजन को भी यहां की सरकार उतनी ही तेजी से जमीन पर उतारती है। आज केन्द्र सरकार 21वीं सदी के आधुनिक कनेक्टिविटी के इंफ्रास्ट्रक्चर पर उत्तराखंड में केंद्र सरकार के इन प्रयासों के बीच राज्य सरकार भी छोटे शहरों और गांव कस्बा को जोड़ने के लिए पूरी शक्ति से कम कर रही है। आज उत्तराखंड में गांव की सड़के हो या फिर चार धाम महामार्ग इन पर तेज गति से काम चल रहा है। मोदी ने कहा कि इन्वेस्टर्स के लिए उत्तराखंड में बहुत सारा ऐसा पोटेंशियल है जिसे आप ज्यादा से ज्यादा लाभ उठा सकते हैं। डबल इंजन सरकार की प्राथमिकताओं का उत्तराखंड को कैसे डबल फायदा मिल रहा है इसका एक उदाहरण देखने के लिए भारतीयों और विदेशियों दोनों में अभूतपूर्व उत्साह देखने को मिल रहा है। हम पूरे देश में थीम बेस्ड टूरिज्म सर्किट तैयार करें। कोशिश यह है कि भारत के नेचर और हेरिटेज दोनों से ही दुनिया को परिचित कराया जाए।इस अभियान में उत्तराखंड टूरिज्म का एक सशक्त ब्रांड बनकर उभरने वाला है। यहां नेचर कल्चर हेरिटेज सब कुछ है। यहां योग आयुर्वेद 30 एडवेंचर स्पोर्ट्स हर प्रकार की संभावनाओं को एक्सप्लोर कर रहा है और उन्हें अवसरों में बदलना कि आप जैसे प्राथमिकता जरूर होनी चाहिए।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ की तरह एक मूवमेंट चलना चाहिए ‘वेड इन इंडिया’, शादी हिंदुस्तान में करो। मैं तो चाहूंगा आने वाले पांच साल में अपने परिवार की एक डेस्टिनेशन शादी उत्तराखंड में करिए। अगर एक साल में 5 हजार शादियां भी यहां होने लग जाएं तो एक नया इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा हो जाएगा और दुनिया की शादियां यहां होने लग जाएंगी। उन्होंने कहा कि हमारे यहां कहा जाता है कि अगर शादी होती है तो वह जोड़े ईश्वर बनाता है, मगर मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि जोड़े जब ईश्वर बना रहा है तो जोड़ा अपने जीवन की यात्रा उसे ईश्वर के चरणों में आने के बजाय विदेश में जाकर के क्यों करता है।

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