ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के अंतर्गत रियल एस्टेट सेक्टोरल सत्र का किया आयोजन

देहरादून। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के अंतर्गत रियल एस्टेट सेक्टोरल सत्र का आयोजन किया गया।  इस दौरान विभिन्न कंपनियों के साथ एमओयू भी किये गए।

इस अवसर पर शहरी विकास एवं  आवास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने निवेशकों का उत्तराखंड में स्वागत करते हुए कहा कि हमारा प्रदेश असीम संभावनाओं से भरा है। उन्होंने कहा कि धरती पर स्वर्ग कहीं है तो वो हमारा उत्तराखंड है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत के संकल्प में एक छोटी सी आहुति उत्तराखंड भी इस समिट के जरिये दे रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के प्रति देश-दुनिया में कितना आकर्षण है इसका अंदाजा साल दर साल चारधाम यात्रा में पहुँचने वाले लोगों की संख्या से लगाया जा सकता है। विगत वर्ष जहां 46 लाख के करीब लोग आए तो इस वर्ष 56 लाख लोग पहुँचे। वर्षभर में यहां सात करोड़ की फ्लोटिंग आबादी पहुँचती है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में हरिद्वार-ऋषिकेश का वारानासी की तर्ज पर कायाकल्प किया जाएगा। उन्होंने सभी उद्यमियों का आह्वान किया कि आइये और उत्तराखंड में निवेश कीजिये।

भारत सरकार के आवास एवं विकास मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार दिनेश कपिला ने कहा कि वर्ष 2016 में रेरा कानून के आने के बाद इस सेक्टर को रेगुलेट किया गया। रेरा के आने के बाद इस क्षेत्र में पहले की तुलना में लोगों में अधिक विश्वास पैदा हुआ है। उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट के क्षेत्र में भूमि सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी नीतियां ऐसी बनानी चाहिए जिसमें भूमि आसानी से उपलब्ध हो और अफोर्डेबल हो।

अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने कहा कि आने वाले दिनों में दिल्ली-देहरादून के मध्य इकनोमिक कॉरिडोर का निर्माण पूरा होने पर इन दोनों शहरों के बीच की दूरी महज ढाई घंटे में पूरी हो सकेगी। दिल्ली एनसीआर के सबसे करीबी कैपिटल सिटी होने का भी निश्चित रूप से उत्तराखंड को लाभ मिलता है।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में बेहतर कानून व्यवस्था, शानदार वातावरण निवेशकों के मुफीद है। राज्य में चारधाम ऑल वेदर रोड के बनने के बाद जहां कनेक्टिविटी बेहतर हुई है तो हवाई कनेक्टिविटी के क्षेत्र में भी अभूतपूर्व कार्य हो रहे हैं। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का निर्माण पूरा होने के बाद पर्वतीय क्षेत्रों में भी कनेक्टिविटी और बेहतर हो सकेगी। उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से लैंड पुलिंग नियमों को आसान बनाया जा रहा है। हाउसिंग के लिए जरूरी बायलॉज का भी सरलीकरण किया जा रहा है। पार्किंग के अलावा हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में एफएआर में भी शिथिलता प्रदान की जा रही है।

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि आने वाले दिनों में देहरादून में मेट्रो नियो परियोजना को प्रस्तावित किया गया, साथ ही रोपवे परियोजनाओं को भी गति प्रदान की जा रही है। एम्मार इंडिया के सीईओ श्री कल्याण चक्रबर्ती ने भी इस अवसर पर अपने विचार प्रस्तुत किये। इस अवसर पर आवास सचिव एसएन पांडेय, टिहरी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रकाश चंद दुम्का, एमडीडीए के सचिव एमएस बर्निया आदि उपस्थित थे।

पैनल डिस्कशन में संभावनाओं पर हुआ विचार

ओमैक्स ग्रुप के एमडी मोहित गोयल, रहेजा डेवलपर के एमडी श्री नवीन रहेजा, डीएस ग्रुप के हेड ऑफ हॉस्पिटलिटी श्री नेथन एंड्रूज, अंतरा सीनियर लिविंग के डिप्टी सीईओ श्री अजीत अग्रवाल एवं अलडेको के सीईओ रोहित किशोर उपस्थित रहे। उद्यमी अभिलेश बिबेल ने इस सेशन की अध्यक्षता की। इस दौरान उत्तराखंड में रियल एस्टेट सेक्टर में संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा हुई। मोहित गोयल की ओर से सुझाव दिया गया कि चंडीगड़ ट्राय सिटी की तर्ज पर हरिद्वार, देहरादून व ऋषिकेश को भी विकसित किया जा सकता है। इसी तरह कुमाऊँ में हल्द्वानी, पंतननगर एवं रुद्रपुर को विकसित किया जा सकता है। उन्होंने राज्य में योजनाबद्ध विकास पर जोर दिया। नवीन रहेजा ने कहा कि उत्तराखंड निवेश के लिए सबसे सुरक्षित माहौल प्रदान करने वाला राज्य है। नेथन एंड्रूज ने पहाड़ी शहरों का किस तरह विकास किया जाए इस पर अपने विचार रखे। अजय अग्रवाल ने कहा कि यहां की कानून व्यवस्था शानदार है, ऐसे में यहां उद्योगों के लिए अच्छा माहौल है। पैनल डिस्कशन में प्रतिभाग करते हुए अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने कहा कि राज्य में सात हजार हेक्टेयर का लैंड बैंक तैयार किया जा रहा है ताकि उद्योगों की मूलभूत आवश्यकता को पूर्ण किया जा सके।

Leave a Reply