देहरादून। उत्तराखंड में इन दिनों सड़क और क्षेत्र के नाम बदले जाने पर खूब राजनीति हो रही है। कांग्रेस के विरोध के बीच भाजपा के विधायक उमेश शर्मा काऊ समेत कई नेता मुख्यमंत्री को नाम बदलने पर बधाई तक दे चुके हैं। लेकिन इस बीच मियांवाला के कुछ लोगों के विरोध के बाद अब क्षेत्र का नाम बदलने को लेकर फिर से पुनर्विचार करने का निर्णय लिया गया है।
दून जिले में मियांवाला क्षेत्र का नाम बदलने को लेकर सरकार पुनर्विचार करने जा रही है। क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे विरोध और स्थानीय लोगों की मांग के बाद मुख्यमंत्री ने इस मामले में फिर से विचार करने का भरोसा दे दिया है। दरअसल राज्य में देहरादून, हरिद्वार, उधम सिंह नगर और नैनीताल जिले के कई क्षेत्रों और सड़कों के नाम बदले जाने का फैसला किया गया था। मुख्यमंत्री ने इस संदर्भ में अधिकारियों को आदेश भी जारी कर दिए थे।
हरिद्वार जिले में 8 क्षेत्र और सड़कों के नाम बदलने का फैसला लिया गया था। इसी तरह नैनीताल जिले में दो सड़कों का नाम बदलने पर मुहर लगी थी। जबकि उधम सिंह नगर में भी एक पंचायत क्षेत्र का नाम बदलने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे। जबकि दून जिले में चार क्षेत्रों के नाम बदलने का मन बनाया गया था।
नाम बदले जाने वाले क्षेत्रों में देहरादून का मियांवाला क्षेत्र भी शामिल था। हालांकि इसकी घोषणा होने के बाद स्थानीय स्तर पर काफी विरोध देखने को मिला और विपक्ष भी नाम बदलने के खिलाफ जमकर विरोध करता हुआ दिखाई दिया। खास बात यह है कि इस क्षेत्र में रहने वाले भाजपा के नेता भी नाम बदले जाने के खिलाफ दिखाई दे रहे थे। इसके बाद यह बात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने भी रखी गई और मुख्यमंत्री ने इस मामले पर पुनर्विचार करने का निर्णय लिया है। इस संदर्भ में अधिकारियों को भी दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
उत्तराखंड सरकार ने जगह के नाम बदलने का फैसला लिया था। जिस पर मंडी समिति के पूर्व अध्यक्ष कुलदीप बटोला ने भी स्थानीय लोगों के साथ मुख्यमंत्री से इस पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया था। जिसे मान लिया गया है। लेकिन खास बात यह है कि नाम बदले जाने को लेकर स्थानीय विधायक उमेश शर्मा समेत पार्टी के कई दूसरे नेता भी मुख्यमंत्री को बधाई दे रहे थे। ऐसे में अब इस क्षेत्र का नाम बदलने पर पुनर्विचार के निर्णय से ऐसे नेताओं को जरूर बड़ा झटका लगा है। विरोध करने वाले लोगों का कहना है कि मियांवाला मुस्लिम नाम नहीं है। बल्कि क्षेत्रीय लोगों से जुड़ा हुआ नाम है। ऐसे में इसे नहीं बदला जाना चाहिए।