गोपेश्वर। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने सोमवार को वन भूमि हस्तांतरण के लंबित प्रकरणों की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिले में वन भूमि हस्तांतरण के कारण कोई भी विकास कार्य न रूके। विभागीय अधिकारी स्वयं लंबित प्रकरणों के निस्तारण के लिए प्रभागीय वनाधिकारी से संपर्क एवं समन्वय स्थापित कर जिला स्तर से प्रस्ताव शासन को भेजें। किसी कारण से जो प्रकरण निरस्त होने है उनको निरस्त किया जाए। ऐसे प्रकरण जिनमें आपत्तियां लगी है, उनका तत्काल निस्तारण करें। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस दौरान लोनिवि, पीएमजीएसवाई, जल निगम, जल संस्थान, सिंचाई, पिटकुल आदि विभागों के अंतर्गत लंबित प्रकरणों की समीक्षा की गई। वन भूमि हस्तांतरण की महत्वपूर्ण बैठक में पेयजल निगम गोपेश्वर के अधिशासी अभियंता और लोनिवि कर्णप्रयाग के अधिशासी अभियंता के उपस्थित न रहने पर उनका स्पष्टीकरण भी तलब किया गया।
समीक्षा बैठक में वन भूमि हस्तांतरण के सैद्धान्तिक स्वीकृति हेतु लंबित प्रकरणों की जानकारी देते हुए बताया गया कि जनपद के अन्तर्गत कुल 41 वन भूमि हस्तंारण के प्रस्ताव विभिन्न स्तर पर लंबित है। जिसमें से प्रस्तावक विभाग के पास 21, प्रभाग के पास 04, वन संरक्षक स्तर पर 05, नोडल अधिकारी स्तर पर 09 तथा राज्य व भारत सरकार के स्तर पर एक-एक प्रस्ताव प्रक्रिया में है। बैठक में डीएफओ सर्वेश कुमार दुबे, अपर जिलाधिकारी डॉ अभिषेक त्रिपाठी, लोनिवि के अधिशासी अभियंता राजवीर सिंह चौहान सहित लोक निर्माण विभाग, पीएमजीएसवाई, जल संस्थान, जल निगम के अधिशासी अभियंता एवं सहायक अभियंता उपस्थित थे।