कांग्रेस ने जयंती पर बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर को याद किया

देहरादून। उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में कांग्रेसजनों ने घण्टाघर स्थित बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हेें अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये। तदोपरान्त प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा द्वारा प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में बाबा साहब डॉ0 भीमराव अम्बेडकर के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए उन्हें श्रद्धांसुमन अर्पित किये गये। इस अवसर पर उन्होंने बाबा साहब डॉ0 भीमराव अम्बेडकर का स्मरण करते हुए कहा कि वे देश में सामाजिक स्थापना करना चाहते थे, वे समता मूलक समाज के परिचायक थे, उन्होने संविधान निर्माण में प्रमुख भूमिका का निर्वहन करते हुए भारत निर्माण की मजबूत नींव रखी थी। उन्होंने समाज के कमजोर एवं उपेेक्षित वर्ग के लोगों केे जीवन स्तर को उठाने का सराहनीय कार्य किया। बाबा साहब अम्बेडकर देश में सामाजिक स्थापना करना चाहते उन्होंने भारत के संविधान निर्माण केे साथ-साथ समाज में फैली कुरीतियों के विरूद्ध भी अपनी आवाज बुलंद की। डॉ0 अम्बेडकर ने देश के युवा वर्ग को संदेश दिया कि ’खुद उठो, दूसरों को उठाओ और शिक्षित बनों, संगठित होकर संघर्ष करो। उन्होंने कहा कि हम सब को मिलकर उनके बताये हुए रास्ते पर चल कर एक शक्तिशाली भारत के निर्माण के उनके सपने को साकार करने के लिए अपनी सहभागिता निभानी है यही उन्हें हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

करण माहरा ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर एवं संविधानसभा ने हमारे देश को एक ऐसा गणराज्य घोषित किया जहां देश के लोग सर्वोच्च शक्ति रखते हैं। संविधान की प्रस्तावना का ‘हम’ शब्द इंगित करता है कि इस देश के लोग सरकार को शक्ति देते हैं और यह अपना अधिकार लोगों की इच्छा से प्राप्त करता है। हमारा संविधान समानता, स्वतंत्रता, बंधुत्व और न्याय की आकांक्षाओं को आवाज देता है। संविधान का उद्देश्य जाति, वर्ग, नस्ल, लिंग और धर्म के आधार पर भारत में मौजूद विशाल असमानताओं को दूर करना और सभी क्षेत्रों में सभी के लिए न्याय सुनिश्चित करना था। बाबा साहब द्वारा बनाये गये संविधान में समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, जीवन का अधिकार, शोषण के खिलाफ अधिकार, धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार, सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकार, संवैधानिक उपचार का अधिकार संविधान में प्रदत्त किया। उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने अपने अंतिम भाषण में चेतावनी दी थी कि यदि संविधान का अक्षरतः पालन नहीं किया गया तो भारत एकबार फिर से अपनी स्वतत्रंत्रता खो देगा। उन्होंने कहा था कि संविधान स्वयं दस्तावेज पर नही बल्कि इसे क्रियान्वित करने के प्रभावी लोगो के प्रभाव पर निर्भर है। उन्होंने कहा था राजनीति में नायक-पूजा गिरावट और तानाशाही का एक गारंटीकृत मार्ग होगा और केवल राजनीतिक लोकतंत्र पर्याप्त नहीं होगा, हमें समाजिक लोकतंत्र को प्राप्त करने की आकांक्षा भी रखनी होगी। उन्होंने कहा कि आज कुछ ताकतों द्वारा भारत के संविधान में उल्लिखित अधिकारों से खिलवाड किया जा रहा है कांग्रेस पार्टी को इन अधिकारों की रक्षा करनी है।

श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में उत्तराखण्ड कांग्रेस मचुनाव समिति के अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष संगठन मथुरा दत्त जोशी, टिहरी से लोकसभा प्रत्याशी पूर्व विधायक जोत ंिसह गुनसोला, महामंत्री विजय सारस्वत, नवीन जोशी, मुख्य प्रवक्ता गरिमा माहरा दसौनी, महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ. जसविन्दर सिंह गोगी, पूर्व विधायक राजकुमार, मनमोहन मल, प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट, सुनीता प्रकाश, आशीष नौटियाल, महन्त विनय सारस्वत, संजय गौतम, शिवराम, गीता राम, लक्की राणा, रमेश कुमार, देीपक पंवार, अशोक कुमार, विजेन्द्र चैहान, सुखराम, ओम प्रकाश आदि कांग्रेसजन शामिल थे।

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