देहरादून। कैंचीधाम में बाबा नीब करौरी के 60वें जन्ममहोत्सव के सफल संचालन से सरकार ने सुगम, सुरक्षित और सुव्यवस्थित यात्रा का संदेश दिया है। महोत्सव में पहली बार रिकॉर्ड ढ़ाई लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पहुंचने पर सरकार ने ठोस प्रबंधन की नजीर पेश की है। खासकर दर्शन से लेकर श्रद्धालुओं से जुड़ी हर सुविधा और व्यवस्था का देश-दुनिया में देवभूमि के प्रति सुगम यात्रा का संदेश गया है।
इस साल बाबा नीब करौरी के जन्ममहोत्सव पर आयोजित कैंचीधाम महोत्सव ने श्रद्धालुओं की दर्शन को जुटी भीड़ से लेकर व्यवस्थाओं ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। खासकर यात्रा में देश-विदेश से जुटने वाली भीड़ को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग की। नतीजन, रिकॉर्ड भीड़ के बावजूद हर श्रद्धालुओं ने बाबा के सुगम दर्शन किए और सुरक्षित यात्रा के साथ वापस लौटे। सरकार ने महोत्सव के दौरान पिछले सालों में हुई अव्यवस्थाओं को देखते हुए इस बार ठोस प्लान तैयार किया था। खुद मुख्यमंत्री धामी ने प्लान की नजदीकी से मॉनिटरिंग की। इसके लिए हल्द्वानी से कैंचीधाम तक करीब 45 किमी हिस्से में अलग अलग 49 व्यवस्थाओं के लिए 22 मजिस्ट्रेटों को जिम्मेदारी दी थी। जबकि हल्द्वानी बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन से कैंचीधाम दर्शन को आने जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए करीब 460 बसें और टैक्सी की शटल सेवा शुरू की गई थी। इसके लिए किराया भी 100 रुपये प्रति सवारी तय किया गया था। इससे श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा नहीं हुई। साथ ही हल्द्वानी, भवाली, भीमताल और कैंचीधाम तक 24 स्थानों पर छोटी-बड़ी पार्किंग बनाई गई थी। इन पार्किंग स्थल से कैंचीधाम तक पैदल जाने के लिए सुरक्षित रास्तों से श्रद्धालुओं को आवाजाही कराई गई।
इस दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा को 7 पानी के टैंकर, 6 मोबाइल शौचालय, मेडिकल टीमें समेत अन्य जरूरी व्यवस्थाएं की गई थी। यही कारण रहा कि पहली बार रिकॉर्ड श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने के बावजूद सरकार के कुशल प्रबंधन से सुगम, सुरक्षित और सुव्यवस्थित यात्रा का संदेश गया है। जबकि कैंचीधाम से अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और नैनीताल जिले के लोगों की आवाजाही भी हाईवे और वैकल्पिक मार्गों से सुरक्षित कराए जाने से सभी ने सरकार के द्वारा ठोस यात्रा प्रबंधन की खूब तारीफ की है। इसके अलावा बाबा के दर्शन को पहुंचे श्रद्धालुओं ने भी सरकार की व्यवस्थाओं की खुले मन से सराहना की है।
कैंचीधाम महोत्सव में पहली बार एसडीआरएफ और एनडीआरएफ को भी मुस्तैद रखा गया था। इसके अलावा वन विभाग और अग्निशमन विभाग को भी तैनात किया था। खासकर भीषण गर्मी से जंगलों में लग रही आग या दुर्घटना की संभावनाओं को देखते हुए पूरी टीमें सक्रिय थी। इसकी मॉनिटरिंग भी लगातार की जा रही थी। खासकर चीड़ और अन्य जंगल वाले रास्ते पर मोबाइल टीमें गश्त कर रही थी।