अल्मोड़ा। गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान कोसी कटारमल, अल्मोड़ा के जैव विविधता संरक्षण एवं प्रबंधन केन्द्र द्वारा चौंदास घाटी के राजकीय इंटर कालेज पांगू, जनपद पिथौरागढ़ में वन्यजीव सप्ताह के अर्न्तगत एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ. अमित बहुखण्डी ने वन्यजीव सप्ताह के महत्व, संरक्षण प्रयासों, जनमानस की भागीदारी एवं संस्थान द्वारा भारतीय हिमालयी क्षेत्रों में किये जा रहे प्रयासों एवं शोध परियोजनाओं की जानकारी दी। इसी क्रम में वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. सुबोध ऐरी ने बताया कि वर्ष 1952 से वन्य जीव सुरक्षा हेतु पहल को प्रारम्भ किया गया था। जिसका मुख्य उद्देश्य संकटग्रस्त वन्यजीवों की रक्षा करना एवं जन-समुदायों को जागरूक करना है। इसी क्रम में सर्वप्रथम वर्ष 1955 में वन्यजीव बोर्ड की स्थापना की गयी थी, साथ ही बोर्ड द्वारा वर्ष 1957 में वन्य जीव दिवस के स्थान पर 2 से 8 अक्टूबर को वन्यजीव सप्ताह की शुरुआत की गई।
डॉ. ऐरी ने सभी प्रतिभागियों को संरक्षण विधियों इन-सीटू एवं एक्स सीटू के ऊपर भी जानकारी प्रदान की। जीआईसी पांगू के अध्यापकों प्रवीण धामी, तवरेज अंसारी, सुनील नेगी ने वन्य जीव सप्ताह के महत्वता खाद्य श्रृंखला वनों की महत्ता आदि पर रोचक जानकारी प्रदान की।
इस कार्यक्रम में 70 विद्यार्थियों एवं अध्यापकों ने प्रतिभाग किया।