सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करने के लिए काफी कोशिश की जा रही है. अब किसी भी रेस्टोरेंट में जाइए, आपको कोई भी ड्रिंक पीने के लिए कागज वाली स्ट्रॉ दी जाती है. यहां तक कि जो पैकेट बंद ड्रिंक आ रहे है, उनके साथ भी प्लास्टिक की जगह कागज वाली स्ट्रॉ का इस्तेमाल हो रहा है. सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करने के लिए इसे अच्छा कदम भी माना जा रहा है. लेकिन, इसी बीच एक ऐसे स्टडी सामने आई है, जो डराने वाली है. दरअसल, इस स्टडी में सामने आया है कि पेपर वाली स्ट्रॉ को बनाने के लिए खतरनाक कैमिकल का इस्तेमाल हो रहा है.
इस कैमिकल का असर आपकी हेल्थ पर भी पड़ रहा है और ऐसे में इस पेपर स्ट्रॉ को भी हेल्थ के लिए ठीक नहीं माना जा रहा है. तो जानते हैं कि आखिर इस स्ट्रॉ से जुड़ी स्टडी में क्या कहा गया है और किस आधार पर इसका इस्तेमाल गलत माना जा रहा है…
स्टडी में क्या कहा गया है?
रिपोर्ट के अनुसार कुछ रिसर्चर्स ने एक स्टडी की है, जिसमें सामने आया है कि पेपर स्ट्रॉ से कोई भी ड्रिंक पीना नुकसानदायक हो सकता है. इस स्टडी में दावा किया गया है कि इन स्ट्रॉ में कुछ टॉक्सिक कैमिकल होते हैं, जो लोगों के लिए खतरनाक होने के साथ ही दूसरे जीवों और पर्यावरण के लिए भी खतरा पैदा कर सकती हैं. स्टडी में कहा गया है कि जब कई स्ट्रॉ पर रिसर्च की गई तो सामने आया कि कागज और बांस की बनी स्ट्रॉ में पॉली- और पेरफ्लूरोएल्काइल पदार्थ (पीएफएएस) मिला है.
बता दें कि पीएफए के लिए कहा जाता है कि ये काफी लंबे समय तक जीवित रहते हैं और इंसानों की हेल्थ के लिए खतरनाक है. स्टडी के अनुसार, बाजार में पेपर स्ट्रॉ बना रही करीब 20 में से 18 कंपनियों की स्ट्रॉ में शामिल है. हालांकि, अभी ये सामने नहीं आया है कि क्या ये पीएफए उस ड्रिंक में भी घुल जाता है.
ये कैमिकल ऐसे होते हैं कि ये लंबे समय तक आपके शरीर में रह सकते हैं. इस कैमिकल की वजह से शरीर में थायराइड, कॉलेस्ट्रॉल बढऩे, लिवर में दिक्कत, किडनी में कैंसर, जन्म के समय कम वजन, टीकों का असर कम होना जैसी दिक्कत हो सकती हैं. वहीं, इस स्टडी में ये भी सामने आया है कि किसी भी स्टील स्ट्रॉ में पीएफएएस निशान नहीं पाया गया और वो सेफ हैं. बता दें कि बड़ी मात्रा में कागज की स्ट्रॉ में पीएफएएस की उपस्थिति वॉटर कोटिंग की वजह से है.